Panther in Udaipur City: राजस्थान के उदयपुर शहर के सेक्टर 4 स्थित परमात्मा गर्ल्स हॉस्टल में उस समय हड़कंप मच गया, जब हॉस्टल में अचानक पैंथर घुस गया. पैंथर के घुसने से हॉस्टल की छात्राएं करीब साढ़े पांच घंटे दहशत में रही. इस दौरान आबादी क्षेत्र में पैंथर के मूवमेंट से सिर्फ हॉस्टल की छात्राएं ही नहीं बल्कि स्थानीय लोग भी डर के साए में रहे. सूचना मिलने के बाद मौके पर वन विभाग के शूटर भी पहुंचे, लेकिन पैंथर हाथ नहीं आया. 4 घंटे से ज्यादा के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद वन विभाग की शूटर टीम ने एक बड़ा फैसला लिया, जिससे कामयाबी हासिल हुई और राहत की सांस ली. जानिए क्या हुआ पूरा मामला. 


दरअसल, क्षेत्र के परमात्मा गर्ल्स हॉस्टल में करीब 50 छात्राएं रहती हैं. इनमें से कुछ छात्राएं कॉलेज गई थीं और कुछ यहीं हॉस्टल में ही थीं. हॉस्टल वार्डन ने अचानक हॉस्टल में करीब 11.45 बजे पैंथर को देखा. हॉस्टल में अचानक पैंथर के घुसने से वार्डन के होश फाख्ता हो गए और वह चिल्लाते हुए नीचे की तरफ भागा. उसने हॉस्टल के मालिक हरीश राजानी को कॉल किया. पहले तो सबको लगा ये बिल्ली होगी, लेकिन सीसीटीवी फुटेज देखने पर पता चला कि ये बिल्ली नहीं पैंथर है. इसके बाद हॉस्टल के मालिक हरीश राजानी ने पुलिस और वन विभाग को सूचना दी. 


सीसीटीवी से पैंथर की मिली सही लोकेशन
सूचना मिलते ही आधे घंटे के अंदर पुलिस और वन विभाग के शूटर मौके पर पहुंचे गए, फिर शुरू हुआ पैंथर का रेस्क्यू ऑपरेशन. सीसीटीवी फुटेज से पैंथर की लोकेशन को देखा तो वह दूसरे माले की सीढ़ियों की तरफ जाता हुआ दिखाई दिया. सीढ़ियों से कमरों में जाने वाला दरवाजा बंद था. यह बात वार्डन ने बताई. इसके बाद मालिक हरीश राजानी की मदद से सीढ़ियों से नीचे जाने वाले दरवाजे को भी बंद कर दिया गया. इसके बाद पैंथर पहले से दूसरे माले की तरफ जाने वाली सीढ़ियों में फंस गया. फिर शूटर टीम हॉस्टल के दूसरे रास्ते से कमरे की तरफ गई. 


बेहोश कर पैंथर को पकड़ा
शूटर टीम ने पहले पटाखे जलाए लेकिन डर के कारण पैंथर हिला तक नहीं. जिसके बाद दीवार में छेद किया और ट्रेंकुलाइज गन से शॉट लेने की कोशिश की, लेकिन पैंथर का व्यू नहीं बन रहा था. रेस्क्यू टीम ने कमरे के दरवाजे में छेद किया तो वह सामने ही बैठा दिखा. मौका देख रेस्क्यू टीम के शूटर ने गन पॉइंट पर लेकर और शूट कर दिया. ट्रेंकुलाइज करने के 10 मिनट बाद पैंथर बेहोश हो गए. पैंथर के बेहोश होने के बाद उसे कपड़े से ढ़क कर नीचे लाया गया. वन विभाग के डीएफओ अजय चित्तौड़ा ने बताया कि पैंथर को बायोलॉजिकल पार्क (चिड़िया घर) लेकर गए हैं. यहां उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है.


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