Udaipur Civil Defence Team: सर्दी, गर्मी या बारिश कोई भी मौसम हो आपदा कहकर नहीं आती, ये बात तो सभी कहते हैं लेकिन उदयपुर (Udaipur) की सिविल डिफेंस की टीम (Civil Defence Team) हर प्रकार की आपदा (Disaster) से लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहती है. यही नतीजा है कि उदयपुर में वर्ष 2017 में स्थापित हुई सिविल डिफेंस की टीम ने मार्च 2018 से अब तक 411 रेस्क्यू ऑपेरशन किए हैं. इसमें इंसान ही नहीं, मुसीबत में फंसे पशु भी शामिल हैं. बड़ी बात तो ये है कि पिछले 2 साल से सिविल डिफेंस की टीम ज्यादा एक्टिव मोड पर है, क्योंकि राज्य सरकार से इनके पास हाई तकनीक के उपकरण उपलब्ध हुए हैं. इन उपकरण से पानी में कितनी भी गहराई में व्यक्ति का शव (Dead Body) हो उसे बाहर निकाला जा सकता है.
शहर के लिए जरूरी है सिविल डिफेंस
उदयपुर शहर के लिए सिविल डिफेंस जरूरी भी है क्योंकि यहां झीलें होने के कारण पानी काफी है और प्रदेश का सबसे बड़ा जंगल भी यही हैं. झीलों में आए दिन आत्महत्या या डूबने से मौत की घटनाएं सामने आती है. साथ ही गर्मियों के मौसम में पहाड़ों पर भीषण आग लगती है जो बस्तियों के पास तक आ जाती है. साथ ही शहर में होटल, दुकान और घरों में आग लगने की घटनाएं होती हैं. सभी स्थितियों में सिविल डिफेंस रेस्क्यू ऑपरेशन करती है.
टीम के पास हैं कई आधुनिक उपकरण
सिविल डिफेंस के डिप्टी कंट्रोलर अमित शर्मा ने एबीपी को बताया कि उदयपुर में करीब 350 सिविल डिफेंस वॉलेंटियर है जिसमें से 200 से ज्यादा पूर्ण प्रशिक्षित हैं. एक समय में 24 की ड्यूटी रहती है और ड्यूटी रोटेशन में चलती रहती है. टीम के पास रेस्क्यू बोट, एग्जॉस्टर मशीन, स्कूबा डाइविंग, ब्रिडिंग ऑपरेटर सेट, कम्युनिकेशन सिस्टम सहित अन्य उपकरण हैं. उपकरणों के जरिए आग लगने वाली जगह से धुएं को बाहर निकाल सकते हैं, पानी में डूबे व्यक्ति को अंडर वाटर कैमरे जरिए तलाशा जा सकता है. उन्होंने ये भी बताया कि रेस्क्यू करने पर पिछले 3 साल से जीवन रक्षक के रूप में एक वॉलेंटियर को 15 अगस्त को सम्मानित भी किया जा रहा है.
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