Rajasthan: मानसून के बीच कहीं आफत तो कहीं खूबसूरती से लोगों में राहत है. उदयपुर की बात करें तो यहां जलाशय लबालब है और अरावली पर्वत हरियाली की चादर ओढ़े हैं. इसकी खूबसूरती को और बढ़ाने के लिए यहां इन दिनों मानसूनी परिंदो का डेरा लगा हुआ है. यह परिंदे मानसून में उदयपुर में डेरा डाल देते हैं   ऐसे भी है जो अफ्रीका से यहां पहुंचते हैं. इसलिए यहां हर ऋतु की भांति वर्षा ऋतु में भी बड़ी संख्या में परिंदों की सक्रियता आमजनों के लिए आकर्षण का केन्द्र है. 


मानसून से पहले पक्षी तैयार करते हैं घोसले 


देखा जाता है कि जैसे ही मौसम परिवर्तन होता है वैसे हम इंसान भी पहले इसकी तैयारियां शुरू कर देते हैं. मौसम के अनुसार अपने आवास में भी परिवर्तन करते हैं. ऐसे ही प्री मानसून में हल्की बारिश होते ही मनुष्यों की भांति पक्षी भी अपने आवास निर्माण या उसकी मरम्मत की तैयारी शुरू कर देते हैं.  मानसून कई पक्षियों का प्रजनन काल होता है ऐसे में उदयपुर के विभिन्न वन क्षेत्रों में भांति-भांति के रंग-बिरंगे परिंदों द्वारा अपने घोंसलों का निर्माण किया जाता है. 


प्रवासी पक्षी है इंडियन पिट्ठा  


डॉ. कमलेश शर्मा, संयुक्त निदेशक (सूचना एवं जनसंपर्क) उदयपुर और पक्षी विशेषज्ञ के अनुसार वर्षा आगमन से ठीक पहले दक्षिणी भारत से एक छोटा सा पक्षी इंडियन पिट्ठा यहां आता है. इस छोटे आकार के नव रंग वाले पक्षी को नवरंग भी कहा जाता है. इसकी आंखों पर काले रंग का नकाब सा लगा हुआ दिखाई देता है. यह बेहद चौकन्ना पक्षी है और सुरीली आवाज से पहचाना जा सकता है. यह घने जंगल में वृक्ष की तीन टहनियों का उपयोग कर घोंसला बनाता है. विशेषज्ञों के अनुसार पेड़ों की जड़ों में भी इसे घोंसला बनाते हुए देखा जाता है. यह बड़ा और गहरा घोंसला बनाता है, जिसमें जन्म लेने वाले बच्चों के मुंह सिंदूरी रंग के दिखाई देते हैं.


चातक देता है मानसून के आगमन की सूचना


संयुक्त निदेशक (सूचना एवं जनसंपर्क) उदयपुर डॉ. कमलेश शर्मा बताते हैं कि पाईड क्रेस्टेड कूक्कू यानि चातक या पपीहा पक्षी का दिखाई देना मानसून के आगमन का सूचक होता है. अफ्रीका से आने वाले इस प्रवासी पक्षी के दिखाई देने का मतलब होता है वर्षा के आगमन की तैयारी. भारतीय साहित्य में भी माना जाता है कि चातक पक्षी तालाब, नदी का संचित जल नहीं अपितु वर्षा के रूप में बरसते हुए जल की बूंदों को ही पीता है और इसी कारण यह मेघों की ओर देखता हुआ जल की याचना करता है. 


मीठी आवाज की धनी आयोरा


आकर्षक पीले रंग की चिड़िया आयोरा बहुत ही चंचल होती है और इसके परों पर काले-सफेद रंग की धारियां इसके स्वरूप को और भी अधिक आकर्षक बनाती है. सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि यह चिड़ियां आकर्षक सीटी बजाती है. मानसून के दौरान छोटे-मोटे कीड़ों को खाने के लिए यहां-वहां फुदकती रहती है.