उदयपुर में भगवा झंडे को लेकर विवाद गरमा गया है. उदयपुर ओल्ड सिटी में स्थिति प्राचीन मांझी का मंदिर है जहां से भगवा झंडा हटा दी गई है इसी को लेकर क्षेत्रीय लोगों ने विरोध किया है. यहीं नहीं कलेक्टर को ज्ञापन दिया है और भगवा पताकाएं फिर से लगने की मांग की गई है. 


यही नहीं क्षेत्रीय लोगों ने सरकार के देव स्थान विभाग पर पताकाएं हटाने का आरोप लगाया गया है. बता दें कि इससे पहले हनुमान जयंती से पहले प्रशासन ने आदेश निकाला था जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर धर्म से संबंधित झंडे लगाने पर रोक लगाई थी. इसके बाद भारी विरोध हुआ था. यह विरोध राजधानी तक पहुंचा था.


 क्या इसलिए हटाए गए भगवा झंडे
क्षेत्रीय पार्षद मदन दवे ने बताया कि प्राचीन मांझी के मंदिर में मंगलवार और शनिवार को सामूहिक सुंदरकांड और हनुमान चालीसा पाठ होता है. इसके तहत यहां पर ओम और श्री राम के भगवा पताकाएं लगाए गए थे. देवस्थान विभाग और यहां के ठेकेदार द्वारा मिलकर कोई प्री वेडिंग शूट होने वाला था, उसको देखते हुए करीबन 100 भगवा पताकाएं हटा दिए गए. क्षेत्रीय लोगों ने जब इसका विरोध किया तो देवस्थान विभाग ने कहा कि हमारे द्वारा नहीं हटाई गई है. 


विभाग को कोई जानकारी नहीं है
जब देवस्थान विभाग को कहा कि सीसीटीवी फुटेज दिखाई जाए जिससे पता चल जाएगा कि किसने हटाई है, लेकिन देवस्थान विभाग ने सीसीटीवी फुटेज दिखाने से इनकार कर दिया. इसके बाद हम कलेक्टर के पास पहुंचे और ज्ञापन देकर मांग की गई है कि जिसने भी भगवा झंडिया हटाई है, उनके खिलाफ कार्रवाई हो और फिर से भगवा पता करें लगाई जाए. इधर देव स्थान विभाग के सहायक आयुक्त ने मीडिया से कहा कि न तो विभाग को झंडिया लगाने की जानकारी है और ना हटाने की. जांच के आदेश दे दिए हैं.


'मुख्यमंत्री की बात तक नहीं मानता विभाग'
दरअसल मांझी का मंदिर के पास मांझी का घाट है जो अमराई घाट के नाम से भी प्रसिद्ध है. यहां को खूबसूरती को देखते हुए कई प्री वेडिंग और फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है और होती रहती है. इस कारण घाट पर प्रवेश के लिए देव स्थान विभाग ने यहां प्रवेश शुल्क लगा रखा है. क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि 13 जून को जन सुनवाई द्वारा इस घाट पर प्रवेश शुल्क हटाने को लेकर सीएम अशोक गहलोत को ज्ञापन दिया गया था.


सीएम ने संभागीय आयुक्त और कलेक्टर को मौखिक आदेश दिए थे की हटा दिया जाए. इसके बाद भी यहां से शुल्क नहीं हटाया गया. मांग की है कि शुल्क हटाएं और भगवा झंडिया हटाने का जो कार्य किया है वह सहन नहीं करेंगे. फिर से नहीं लगाई तो आंदोलन होगा. 


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