Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुर जिले में चार गांव से 46 बच्चियों को बेचने का मामला सामने आया है. बड़ी बात यह है कि सभी बच्चियां 16 साल से कम उम्र की हैं. यह मामला तब सामने आया जब राष्ट्रीय और राजस्थान बाल आयोग के सदस्य खुद उन क्षेत्रों में पहुंचे और जांच पड़ताल की. यह मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस और प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

राजस्थान बाल आयोग के सदस्य शैलेन्द्र पंड्या ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि साल 2019 में भीलवाड़ा जिले के दूर-दराज गांव में बच्चियों को अवैध जगहों पर बेचने का मामला सामने आया था. तब जयपुर स्तर पर पुलिस और प्रशासन ने मिलकर  'ऑपरेशन गुड़िया' चलाया था. इसमें करीब 6 बच्चियों को रेस्क्यू भी किया गया था. इसमें 12-16 वर्ष की बच्चियां थी. अभी इन सभी बच्चियों का जीवन संवर गया है. एक लड़की की हाल ही में शादी भी हो गई है. तब पुलिस ने दावा किया था कि अब ऐसा कुछ नहीं है.


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जांच-पड़ताल के दौरान चौंकाने वाली स्थिति आई सामने
आयोग सदस्य पंड्या ने बताया कि वर्ष 2019 के बाद शिकायत नहीं आई, लेकिन कुछ दिनों पहले यह शिकायत फिर से उठी है, लेकिन पुलिस-प्रशासन की तरफ से बताया जा रहा था कि ऐसा कुछ नहीं है. फिर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो और मैं टीम के साथ जिन गांवों में शिकायत आई थी, वहां पहुंचे. सुबह से लेकर शाम तक 4 गांवों में सर्वे किया गया, तब पुलिस-प्रशासन की टीमें भी आ गईं. आंगनवाड़ी और स्कूलों के दस्तावेजों को चेक किया तो शाम करीब 5 बजे तक सामने आया कि 46 बच्चियां मिसिंग हैं.

दस्तावेजों के आधार पर बच्चियों की पूछताछ की गई तो परिवार और आस-पास में कोई जवाब नहीं मिला. ऐसे में साफ संभावना है कि बच्चियों की तस्करी हुई हो और फिर से उसी दलदल में धकेला गया हो. जिन बच्चियों के दस्तावेज देखे उनमें 12-16 वर्ष की थी. इस मामले पर भीलवाड़ा में उच्चाधिकारियों ने मामले को लेकर बैठक की.