(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan: राजस्थान-गुजरात बॉर्डर का डाकू रणीयां, अब तक 55 मुकदमे, उदयपुर में पुलिस के साथ की थी मारपीट
Udaipur Dacoit: रणीया का गांव उदयपुर जिले के मांडवा थाना क्षेत्र में है कुकवास छापरा. गांव में 12 परिवार हैं, जिनके 100-200 मीटर की दूरी पर घर बने हुए है. गांव जंगल मे हैं.
Udaipur Crime News: उदयपुर (Udaipur) राजस्थान (Rajasthan) का शांत शहर है. यहां अपराध कम हैं.महिलाओं के लिए सुरक्षित शहरों की सूची में से एक माना जाता है, लेकिन यहां एक ऐसा डाकू है जिसकी दहशत हाइवे और बॉर्डर एरिया में बनी हुई है. लूट, डकैत, मारपीट तो रणीयांं और उसकी गैंग के लिए आम बात है. सबसे बड़ी बात तो यह" कि पुलिस के साथ 36 का आंकड़ा है. क्योंकि तीन बार पुलिस के आमने-सामने फायरिंग और मारपीट हो चुकी है.
ऐसा नहीं कि वह पुलिस गिरफ्त में नहीं आया. पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है लेकिन जैसी ही जमानत पर छूटता है फिर वारदात करने लगता है. इसकी ताकत है इसका गांव छापरा और यहां के रहने वाले इसके रिश्तेदार और गुर्गे. जानते हैं रणीयां कितना है खौफ और कहा से इसकी शुरुआत हुई. रणीयां की इसलिए बात कर रहे हैं कि हालही में वह चर्चा में आया है. क्योंकि पाली जिले के एक लूट मामले में जब मांडवा पुलिस उसे उसके गांव, इसी थाना क्षेत्र के कुकवास छापरा में पकड़ने गई तो उसने और उसके साथियों ने पुलिस पर ही हमला जर दिया. मारपीट, फायरिंग की जिसमें इंस्पेक्टर सहित 7 पुलिसकर्मी घायल हो गए. इसके बाद से फरार है.
राजस्थान-गुजरात बॉर्डर के गांव में दहशत
दरअसल रणीयांं का जो गांव है वह है तो राजस्थान में लेकिन इसके घर से गुजरात बॉर्डर मात्र 3 किलोमीटर दूर हैं. इसी कारण जैसे ही वारदात करता है तो गुजरात में भाग जाता है. बड़ी बात यह भी है कि घर जंगल एरिया में है और पुलिस से कई अधिक जंगल के रास्तों के बारे में जानता है. दोनों राज्यों में वारदाते कर इधर-भागता रहता है. पुलिस से मारपीट मामले में पुलिस ने रणीयां के एक गुर्गे को गिरफ्तार किया है लेकिन रणीयां पकड़ में नहीं आया है. इसके लिए पुलिस की टीमें दिन और रात जंगल में इसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.
ताकत उसका गांव और गैंग में उसके रिश्तेदार
रणीयां का गांव उदयपुर जिले के मांडवा थाना क्षेत्र में है कुकवास छापरा. गांव में 12 परिवार हैं, जिनके 100-200 मीटर की दूरी पर घर बने हुए है. गांव जंगल मे हैं जिससे कोई भी आता है उससे पहले गांव वालों को सूचना मिल जाती है. यह कह सकते हैं, यह गांव नहीं, इसका परिवार है. क्योंकि हाइवे पर वाहनों, राहगीरों से लूट, मारपीट सहित अन्य वारदातें गांव में ही रहने वाले उसके गुर्गे करते हैं.
रणीयां की एक आवाज पर सभी इकट्ठे हो जाते हैं. रणीयां के खिलाफ मुकदमों की बात करे तो अब तक 55 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. इसमें हत्या, जानलेवा हमला, लूट, डकैती सहित अन्य है. 4 महीने पहले ही जेल से जमानत पर आया और वारदात की. फिर से पुलिस पकड़ने जा रही थी कि पुलिस के साथ मारपीट की गई. इसने अपराध की दुनिया में 90 के दशक में कदम रख दिया था. तीन बार पुलिस के आमने-सामने हुआ. जिसमें एक बार तो पुलिस की वर्दी और हथियार छीने, एक बार पुलिस पर फायरिंग की और अब पुलिस के साथ गंभीर मारपीट की और हथियार छीने.