Udaipur News: कहते हैं ना कि अगर मन में जज्बा हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है. आर्थिक और शारीरिक समस्या भी नहीं दिखाई देती. ऐसा ही उदाहरण उदयपुर के छोटे से गांव के मुकेश ने पेश किया है. दिहाड़ी मजदूरी करने वाले के बेटे मुकेश मीणा ने नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीता है. बड़ी बात यह कि मुकेश को केंद्र सरकार ने 5 लाख रुपये की राशि इनाम दिया है. गांव में एक कच्ची झोपड़ी में रहने वाले मुकेश की मदद उदयपुर शहर के एक शिक्षक ने की, जिनकी मदद से उन्होंने सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं.
मुकेश 12वीं कक्षा के छात्र हैं. उन्होंने राजस्थान के श्री गंगानगर में हुई 67वीं राष्ट्रीय विद्यालय जूडो प्रतियोगिता U-19 में स्वर्ण पदक जीत कर कीर्तिमान स्थापित किया. मुकेश की कहानी शुरू होती है उदयपुर शहर से 25 किलोमीटर दूर प्रसिद्ध भगवान महादेव के मंदिर उबेश्वर जी की पहाड़ियों में स्थित एक छोटे से गांव से, इस गांव का नाम है पिपलिया. पिता पेमा मीणा दिहाड़ी मजदूरी करते हैं. मुकेश मीणा पिपलिया के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता था. शुरू से खेलों के प्रति उनका लगाव था, लेकिन प्रतिभा होने के बावजूद गरीबी ने आगे नहीं बढ़ने दिया.
शारीरिक शिक्षक ने दिखाई राह
मुकेश 12 साल के थे, उस समय उनके जीवन में एक टर्निंग प्वाइंट आया. दरअसल, मुकेश जिस राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते थे, उसमें कार्यरत रहे शारीरिक शिक्षक किशन सोनी मुकेश मीणा को शहर लाए और अपने घर पर रखा. यहां उन्होंने मुकेश को जूडो का शुरुआती प्रशिक्षण देना शुरू किया. इस दौरान मुकेश ने जिला और राज्य स्तर पर स्वर्ण पदक प्राप्त किए. इससे मुकेश का उदयपुर के खेल छात्रावास में चयन हो गया. छात्रावास में रहते हुए मुकेश मीणा उदयपुर में श्रीजी जूडो सेंटर में जूडो कोच सुशील सेन से प्रशिक्षण प्राप्त किया.
केंद्र सरकार ने दिया 5 लाख का पैकेज
उदयपुर में प्रैक्टिस करते हुए मुकेश ने 2018 में झारखंड में आयोजित स्कूल नेशनल जूडो प्रतियोगिता U-14 में रजत पदक प्राप्त किया. इस पर मुकेश का चयन केंद्र सरकार खेलो इंडिया की स्कीम में हुआ. नडियाद में रहकर मुकेश ने ओलंपिक कोच से प्रशिक्षण प्राप्त किया. केंद्र सरकार की ओर से मुकेश मीणा को पांच लाख रुपये का वार्षिक पैकेज मिला था. उसके बाद कोरोना काल आने से मुकेश मीणा उदयपुर लौट आए और शारीरिक शिक्षक किशन सोनी के घर पर ही रहने लगा.
गोल्ड मेडल जीत रचा इतिहास
मुकेश पढ़ाई के साथ लगातार प्रैक्टिस करते रहे. हालही में आयोजित 67वीं राष्ट्रीय विद्यालय जूडो प्रतियोगिता U-19 में श्रीगंगानगर में स्वर्ण पदक प्राप्त कर कीर्तिमान स्थापित किया. मुकेश इससे पहले अंडर-14, अंडर-17 में और 19 में राज्य स्तर पर स्वर्ण पदक और राष्ट्रीय स्तर पर रजत प्राप्त कर चुके हैं. मुकेश मीणा उदयपुर के इतिहास में पहले खिलाड़ी हैं, जो पहाड़ों और जंगलों में स्थित एक छोटे से गांव पिपलिया में कच्ची झोपड़ी में रहते हुए यह कारनामा किया. मुकेश मीणा के पिताजी पेमा मीणा शहर में दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं.
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