Udaipur News: उदयपुर का एक मात्र और देश के सात ग्रामों में मौजूद शिल्प ग्राम में हर साल 21-31 दिसंबर तक होने वाला मेला संशय में चल रहा है. यहां मेले की तैयारियां तो लगभग हो चुकी है लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण वेस्ट जॉन कल्चर विभाग और प्रशासन निर्णय नहीं ले पा रहा है कि मेला होगा या नहीं. जबकि शुक्रवार को ही राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ दुर्ग मेला समाप्त हुआ है. यहां निर्णय लेने में इसलिए देरी हो रही है क्योंकि 25000 पर्यटक रोजाना मेले में पहुंचते हैं. साथ ही देशभर के कलाकार भी प्रस्तुति देने के लिए आते हैं. 


अगर इस साल भी मेला नहीं हुआ तो ऐसा पहली बार होगा कि लगातार दो साल मेला अटका और देशभर के कलाकारों का रोजगार भी. बता दें कि इस मेले में 350 दुकानें लगती है और देशभर से कलाकार आते हैं. सभी का अच्छा व्यवसाय होता है. मेले को लेकर उदयपुर बड़गांव एसडीएम सलोनी खेमका शनिवार को शिल्प ग्राम पहुंची. वहां पर शिल्प ग्राम का नक्शा देखा और किस प्रकार से व्यवस्था हो सकती है जायजा लिया. साथ ही शहर के अंबामाता थाना पुलिस ने भी वेस्ट जोन कल्चर को पत्र भेजा है कि अगर मेला हुआ तो व्यवस्था कैसे होगी.


कलाकार विजय बागुल ने कही ये बात 


गुजरात के डांग जिले से डांगी डांस की प्रस्तुति देने आए कलाकार विजय बागुल बताते हैं कि अभी सिर्फ 15 दिन के लिए विभाग ने बुलाया है. 1 दिसंबर को आए और 15 को चले जाएंगे. ग्रुप में 18 जन है, जिसमें प्रत्येक सदस्य को प्रतिदिन 500 रुपए दिए जाते हैं. वही मेला होता है तो 800 रुपए देते हैं. मेले में आने वाले पर्यटक भी खुशी से उपहार देते हैं. मेला होगा या नहीं, यह पता नहीं है लेकिन मेला हुआ तो रोजगार जरूर मिलेगा.


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