Udaipur News: उदयपुर की काव्या भट्ट ने रचा इतिहास, टेबल टेनिस खेलकर 13 साल की उम्र में जीते 55 मेडल
उदयपुर संभाग की रहने वाली काव्या भट्ट ने 13 साल के उम्र में इतिहास रच दिया है. काव्या इतनी कम उम्र में ही गोल्ड, सिल्वर और बॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं. काव्या अब तक 55 मेडल जीत चुकी हैं.
Rajasthan News: उदयपुर संभाग के डूंगरपुर जिले की रहने वाली 13 साल की काव्या भट्ट इतिहास रच दिया है. काव्या भट्ट ने टेबल टेनिस खेल में जिला स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक 55 मैडल जीत चुकी है. दरअसल, काव्या अभी अपने माता पिता के साथ मुंबई में रहती हैं. काव्य के पिता प्रवीण भट्ट ने एबीपी को बताया कि काव्या की मां भी टेबल टेनिस प्लेयर रह चुकी हैं और स्टेट खेल लेबल तक खेल चुकी हैं. काव्या में भी शुरू से टेबल टेनिस को लेकर क्रेज था लेकिन 7 साल की उम्र में उसने पहली बार रैकेट को हाथ लगाया.
उसकी रैकेट चलाने की स्टायल से सभी चौक गए और 6 महीने की प्रैक्टिस के बाद ही उसने मुम्बई के राजगढ़ जिले में हुई जिला स्तर टेबल टेनिस प्रतियोगिता में पहली बार ही रोज मेडल हासिल किया.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीता बॉन्ज मेडल
काव्या के पिता ने बताया कि काव्या ने कड़ी मेहनत थी जिससे सफलता पहली बार में ही प्राप्त कर लिया. इसके बाद सफलता का सफर आगे बढ़ता गया. स्टेट लेवल पर पहली बार में ब्रॉन्ज मेडल और फिर 2018 में नेशनल लेवल पर सिल्वर मेडल प्राप्त किया. यह सब काव्या ने पहली बार में ही हासिल कर लिया. बीच में कोरोना महामारी के दौरान 2 साल प्रैक्टिस छूट गई लेकिन जैसे ही बीमारी का प्रकोप कम हुआ तो उसने प्रैक्टिस फिर से शुरू कर दी और देश को रिप्रेजेंट करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रॉन्ज मेडल जीता. यह प्रतियोगिता जॉर्डन के अमान में हुई थी.
पैर फ़्रैक्चर के बाद भी जुनून नहीं हुआ कम
प्रवीण भट्ट ने बताया कि जिला स्तर पर अच्छा परफॉर्मेंस होने के बाद स्टेट लेवल पर उसका चयन हुआ था. महाराष्ट्र की स्टेट लेवल चैंपियनशिप को 28 दिन शेष रह गए थे और प्रैक्टिस के दौरान टेबल टेनिस की टेबल टूटकर काव्या के पैर पर गिर गई. इससे उसके पैर की 3 अंगुलियां फ्रैक्चर हो गए. डॉक्टर ने 28 दिन का प्लास्टर लगाया था और प्रतियोगिता को मात्र 21 दिन रह गए थे. काव्या ने खेलने की जिद की लेकिन डॉक्टर ने प्लास्टर खोलने से मना कर दिया. फिर भी उसके जुनून के कारण रिस्क लिया और 15 दिन में ही प्लास्टर खोल दिया. उसके तीन में से एक अंगुली में माइनर फ्रैक्चर था. फिर भी उसने स्टेट लेवल की प्रतियोगिता में भाग लिया और सिल्वर मेडल हासिल किया. काव्या रोजाना कोर्ट और 8 घंटे प्रैक्टिस करती है और वह ऐसा पिछले 4 साल से कर रही है.
यह जीते मेडल
- मेडल - इंटर नेशनल - नेशनल - स्टेट - जिला - प्राइवेट
- गोल्ड - 2 - 5 - 6 - 0 -0
- सिल्वर - 1 - 2 - 11 - 2 - 0
- ब्रॉन्ज - 1 - 2 - 8 - 13 - 6
इनको दी सिख्स
काव्या ने हाल ही में जॉर्डन के अमान में हुए अंतरराष्ट्रीय अंडर-15 टेबल टेनिस प्रतियोगिता में अपने दमदार गेम से इजिप्ट की प्लेयर मल्लिका ईलमल्लाह को 16वें राउंड में हराया. इसके बाद थाईलैंड की चैंपियन प्लेयर कुलाप्सर विजितविरिया गुल को करारी शिकस्त देकर सेमीफाइनल में पहुंचीं और ब्रांज मेडल अपने नाम किया. यह काव्या का पहला अंतरराष्ट्रीय टीटी कंपटीशन डेब्यू था. काव्या अब 13 गोल्ड, 14 सिल्वर और 28 ब्रांज मेडल जीत चुकी है.