Udaipur Electric Bus News: राजस्थान बीते माह बीजेपी की अगुवाई वाली भजनलाल सरकार का पहला बजट उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने पेश किया था. भजनलाल सरकार के पहले बजट में उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी प्रदेश के प्रमुख शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की घोषणा की थी. इस घोषणा को अमलीजामा पहनाने के लिए काम शुरू हो गया है. उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध करवाने को लेकर स्वीकृती जारी कर दी है. 


प्रदेश सरकार से स्वकृति मिलने के बाद झीलों की नगरी उदयपुर को 34 बसें मिलेंगी. अभी की बात करे तो उदयपुर में सिटी ट्रांसपोर्ट के लिए निजी ऑटो और नगर निगम द्वारा संचालित लो फ्लोर बसें हैं. इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से लोगों को आवगमन में सहूलत मिलेगी और यात्रियों को भी भीड़ से काफी हद तक निजात मिलेगी.


सरकार पर पड़ेगा 105 करोड़ का वित्तीय भार
बजट घोषणा की क्रियान्विति में प्रदेश के जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर, भरतपुर और उदयपुर शहरों में नगरीय बस सेवा के लिए 500 इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध करवाई जाएंगी. इसमें उदयपुर के लिए 35 ई-बसें शामिल हैं. इससे आमजन को प्रदूषण रहित आवागमन की सुविधा उपलब्ध होगी. साथ ही पब्लिक ट्रांसर्पोट को बढ़ावा मिलने से आमजन को त्वरित और बेहतर परिवहन सुविधा का लाभ मिलेगा. 


उन्होंने बताया कि इन बसों का संचालन और मेंटेनेंस का काम स्वायत्त शासन विभाग के जरिये कन्वर्जेन्स एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड के माध्यम से किया जाएगा. इससे राज्य सरकार पर लगभग 105 करोड़ रुपये से ज्यादा का वित्तीय भार आएगा. उदयपुर में ई- बसों के संचालन से पर्यटकों को भी काफी सहूलियत मिलेगी.


किन शहरों में चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें?
बजट घोषणा के अनुसार, जयपुर में 300, जोधपुर में 70, कोटा में 50, उदयपुर में 35, अजमेर में 30 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा. इसी तरह बीकानेर और भरतपुर में 15 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा. वहीं अगर उदयपुर की बात की जाए तो यह मशहूर टूरिस्ट प्लेस हैं. हर साल यहां पर बड़ी संख्या देसी और विदेशी टूरिस्ट आते हैं.


उदयपुर में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से आम जन के साथ साथ इस पब्लिक ट्रांसपोर्ट का फायदा टूरिस्टों को भी मिलेगा. कई ऐसे टूरिस्ट प्लेस हैं, जहां अभी भी जाने के लिए निजी ऑटो कर ही जाना पड़ता है. इसकी वजह उदयपुर के कई ऐसे प्राचीन ऐतिहासिक और खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस हैं, जहां ट्रांसपोर्ट के अभाव में टूरिस्ट नहीं आते हैं. इस बसों के संचालन से इन्हें काफी मिलने की उम्मीद है.


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