Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुर में किसी ने अपने घर में बिजली की चोरी करने की कोशिश की तो बिजली निगम को तुरंत पता चल जाएगा, क्योंकि पुलिस की तरह ही अब बिजली निगम के कंट्रोल रूम होंगे. इसकी कई जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरुआत हो चुकी है और इसमें सफलता मिली तो राजस्थान के हर जिलों में ऐसा कंट्रोल रूम बनाया जाएगा.


आखिर क्या है यह पायलट प्रोजेक्ट
पायलट प्रोजेक्ट के तहत शहरी क्षेत्र के कुछ इलाकों को चिन्हित किया गया है. इन इलाकों में बिजली निगम द्वारा पुराने मीटर हटाकर स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा. इन स्मार्ट मीटर के साथ जैसे ही किसी ने छेड़छाड़ की तो सबसे पहले मीटर बंद होगा और घर की बत्ती गुल हो जाएगी. जिसके बाद बिजली निगम के कंट्रोल रूम पर पता चल जाएगा. यहीं नहीं जिस प्रकार से हर दो माह में अपने घर पर रीडिंग लेने के लिए कर्मचारी आते हैं उनको नहीं आना पड़ेगा. किसने कितनी खपत की इसकी रीडिंग कंट्रोल रूम पर पता चल जाएगी. जिससे कर्मचारी को घर आने की जरूरत नहीं होगी. साथ ही बकाया बिल का भी पता चलेगा और औसत बिल जो आते हैं उनसे भी छुटकारा मिलेगा. यहीं नहीं मोबाइल में एप डाउनलोड कर उपभोक्ता हर घंटे की रीडिंग देख सकता है.


कैसे काम करता है यह स्मार्ट मीटर
यह स्मार्ट मीटर कुछ एरिया में लग रहे हैं जैसे उदाहरण के रूप में देखे तो चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा और कपासन कस्बे में इन मीटर को लगाने का अंतिम चरण चल रहा है. इन मीटर में एक चिप लगी रहती है. जैसे ही मीटर के साथ छेड़छाड़ की तो चिप के द्वारा मीटर बन्द हो जाएगा. चिप के जरिए उपभोक्ता की जानकारी बिजली निगम को हो जाएगी. साथ ही जैसे पुराने मीटर में डिस्प्ले खराब होने की समस्या होती थी यह समस्या इन मीटर में नहीं होगी. बता दे कि यह योजना केंद्र सरकार से शुरू की गई थी. जिसमें राजस्थान के हर घर में स्मार्ट मीटर लगाए जाए. राजधानी जयपुर से इसकी शुरुआत हुई थी. जो अब हर जिले में जा रही है.


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