उदयपुर संभाग में सरकार के समर्थन मूल्य से ज्यादा बाजार में भाव? किसानों का रुख बदला
Udaipur News: सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाता है. उदयपुर संभाग में वर्तमान में बाजार में किसानों को समर्थन मूल्य से अधिक मूल्य मिल रहा है.
Udaipur Farmers News: किसानों को अपनी फसल का वाजिब दाम देने के लिए सरकार समर्थन मूल्य जारी करती है. इसको लेकर कई बार राजनीति होती हुई भी दिखाई देती है. कहा जाता है कि समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए. ऐसी ही स्थिति उदयपुर संभाग में हो रही है. समर्थन मूल्य से ज्यादा किसानों को अपनी फसल का दम बाजार में मिल रहा है.
इसी कारण किसानों का रुख सरकार के दामों पर नहीं होकर बाजार की तरफ है. बड़ी बात यह है कि फसल बाजार में आ चुकी है और अब तक समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं हुई है.
क्या कहते हैं किसान
उदयपुर के किसान विष्णु पटेल ने बताया कि पहली बात तो यह को सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर ली जाने वाली फसलों के लिए खरीद केंद्र ही शुरू नहीं हुई है. यानी अभी सरकार खरीदारी नहीं कर रही है. जबकि फसल बाजार में आ गई है. दूसरी बात यह को इस बार बाजार में फसलों को अच्छा दाम मिल रहा है. जैसे गेहूं की समर्थन मूल्य कीमत 2400 रुपए हैं.
जबकि मंडी या कहे बाजार में 2500 से 3000 तक कीमत मिल रही है. इसलिए किसान समर्थन मूल्यों के केंद्रों के खुलने का इंतजार ना कर बाजार में ही फसल बेच रहे हैं. यहीं नहीं कुछ जगहों पर व्यापारी सीधे किसानों से खेतो में संपर्क कर फसल खरीद रहे हैं.
फसलों की टेंडर प्रक्रिया की लेकिन निविदाएं नहीं आई
राजसमंद के राजफेड क्षेत्रीय अधिकारी वीएन सिंह ने मीडिया को जानकारी दी है कि चना और सरसों की खरीद के लिए टेंडर निकाला गया था लेकिन निविदाएं नहीं आई. अब फिर से कमेटी के जरिए अनुशंसा जयपुर भेजी जाएगी. जैसे ही वहां से अनुमति मिलेगी खरीद शुरू होगी.
दरअसल चना और सरसों के लिए कुछ केंद्रों पर किसान पहुंचे थे लेकिन वापस लौटना पड़ा. फसलों की स्थिति की बात करे तो पिछली बार से इस बार फसल अच्छी हुई है. बंपर आवक है तो भी भाव भी अच्छे मिल रहे हैं.
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