Rajasthan में बन रहा पहला एग्रो फारेस्ट रिसर्च सेंटर, जानें- क्या होगी खासियत
Rajasthan News: राज्य के उदयपुर में पहला फॉरेस्ट रिसर्च सेंटर बन रहा है. इससे लोगों को सिखाया जाएगा कि कहां कौन-से पौधें लगें, जिससे आय भी प्राप्त हो.
Rajasthan News: राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर (Udaipur) में जंगल को बढ़ाने और इसी जंगल की उपजों से आदिवासियों को आमदनी देने के लिए वन विभाग से कई प्रयास किये जा रहे हैं. यही नहीं अभी भी कुछ क्षेत्र में असदिवासी महिलाएं महुआ, एलोवेरा, गुलाल जैसे उत्पाद बनाकर आय प्राप्त कर रहे हैं. इसी आमदनी और जंगल के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए राजस्थान का पहला एग्रो फारेस्ट रिसर्च सेंटर उदयपुर में खुल गया है. इस रिसर्च सेंटर को वन विभाग और शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आफरी), जोधपुर द्वारा बनाया गया है. जिसकी लागत 10 लाख रुपए आई है. यह दिखने में पोली हाउस जिसमें फसलों का उत्पादन किया जाता है वैसा ही दिखता है लेकिन यहां वन उपजों पर रिसर्च होगा.
आदिवासी कैसे बढ़ाएंगे आमदनी
डीएफओ मुकेश सैनी ने बताया कि इस रिसर्च सेंटर पर संभावना तलाशी जाएगी कि किसी क्षेत्र में किस प्रकार के उपजों की प्रजाति अच्छे से और जल्दी पनप जाएगी, साथ ही अच्छा उत्पादन देगी. यही नहीं, यहां पर आदिवासियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा कि उनके क्षेत्र में यह प्रजाति लगानी है और इसका किस प्रकार से आर्थिक उपयोग में लेना है. यहां ऐसी ही उपजों के बीज तैयार किये जाएंगे, जिसमें सीताफल, आंवला, महुआ, बहेड़ा है. इनका औषधीय महत्व है, जो मेवाड़ और गुजरात के जंगलों में आसानी से आसानी से मिल जाती हैं.
अभी यह करते हैं आदिवासी
उदयपुर की बात करें तो अलग-अलग क्षेत्र के आदिवासी अलग-अलग उत्पादों से आय अर्जित करते हैं. जैसे कही और महुआ का कलेक्शन, हर्बल गुलाल, एलोविरा जूस, शेम्पू और जेल बनाने जैसा काम करते हैं. यही नहीं इनके उत्पादों को बेचने के लिए विभाग ने दुकान भी खोली हुई है.