Special Story: जब जनसंघ के संस्थापक भानु कुमार शास्त्री खुद के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पहुंचे, जानिए ऐसा क्या हुआ!
Rajasthan News: जनसंघ संस्थापक और BJP के वरिष्ठ नेता भानुकुमार एक बार दिल्ली जा रहे थे. उनकी ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई लेकिन वे बच गए. जब वे दिल्ली पहुंचे तो वहां लोग उनके निधन का शोक मना रहे थे.
Rajasthan Special Story: भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य और बीजेपी के वरिष्ठतम नेता रहे भानुकुमार, जो उदयपुर से सांसद रहे हैं, उनके जीवन परिचय की बात करें तो उनका जन्म 29 अक्टूबर 1925 को सिंध प्रदेश के हैदराबाद (अब पाकिस्तान में है) में हुआ. वे प्रसिद्ध ज्योतिषी पं. गिरिधर लाल शर्मा के घर जन्मे. भारत-पाक विभाजन की त्रासदी के बाद वे उदयपुर आए और इसी को अपनी कर्मभूमि बनाया. मेवाड़ अंचल की राजनीति में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा. वे यहां से सांसद रहे.
24 फरवरी 2018 में उनका निधन हुआ. उनके जीवन के कई किस्से हुए लेकिन ऐसा एक राष्ट्रीय स्तर का किस्सा हुआ कि सभी हतभ्रत रह गए. आप सोच सकते हैं कि शास्त्री खुद अपनी ही श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पहुंच गए, वह भी दिल्ली में. हैं ना चौकाने वाली बात. तो आइए जानते हैं 46 साल पहले हुआ वह किस्सा.
जब भानुजी ने दोस्त को दे दी थी अपनी सीट
बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी के पूर्व सदस्य और पूर्व पार्षद विजय प्रकाश विप्लवी ने बताया कि शास्त्री जी ने अपने जीवन का एक संस्मरण साझा करते हुए एक किस्सा सुनाया था. यह बात 22 नवम्बर 1977 की रात की है जब भानुकुमार शास्त्री को रेल में जयपुर से दिल्ली जाना था. रेल में उनका रिजर्वेशन था. प्लेटफार्म पर उन्हें अपने साथी सांसद प्रकाशवीर शास्त्री मिले. प्रकाशवीर शास्त्री ने भानुजी से कहा कि मुझे दिल्ली जाना है लेकिन रिजर्वेशन नहीं हो पाया, कल लोकसभा में वक्ताओं की सूची में मेरा नाम है. आप अपनी सीट मुझे दे दीजिए.
रेल हुई दुर्घटना का शिकार
भानुजी ने अपनी सीट प्रकाशवीर शास्त्री को दे दी और प्लेटफार्म से बाहर आने लगे. तभी एक परिचित टी.टी.ई. मिल गया. उसने पूछा तो भानुजी ने पूरी बात बताते हुए कहा, मुझे दिल्ली जाना था, पर मैंने मेरी सीट प्रकाश वीरजी को दे दी है. मैं अब कल दिल्ली आऊंगा. इस पर टी.टी.ई. ने कहा, आप आज ही दिल्ली चल सकते हैं, सीट की व्यवस्था मैं कर दूंगा. भानुजी ने रेल में सवार होकर दिल्ली प्रस्थान किया. दुर्योग से रात में रेल दुर्घटनाग्रस्त हो गई. भानुजी अन्य साधन से दिल्ली पहुंचे.
संसद में हो चुकी थी श्रद्धांजलि की तैयारी, जिंदा लौटे भानुजी
दिल्ली में अपने सांसद निवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का जमावड़ा देख भानुजी विचार में पड़ गए. माहौल गमगीन था, वहां एकत्र लोग विचित्र ढंग से भानुजी को देख रहे थे. भानुजी ने पूछा, आखिर बात क्या है? तब उपस्थित लोगों ने बताया कि रेल दुर्घटना में आपकी मृत्यु का समाचार मिला था. अब भानुजी को समझ आया, रेल दुर्घटना में प्रकाश वीरजी नहीं रहे. उन्होंने लोकसभाध्यक्ष कार्यालय पर फोन करके पूरा वाक्या बताया. सचिव ने बताया कि आपका फोन ठीक समय पर आ गया. संसद में आपको श्रद्धांजलि देने की तैयारी हो चुकी थी.
ये भी पढ़ें: REET Exams: परीक्षा में नकल रोकने के लिए सख्त इंतजाम, इस इलाके में सुबह 6 से शाम 6 बजे तक दो दिन बंद रहेगा इंटरनेट