G-20: विदेशी अतिथियों के सिर पर सजे 20 किलो वजन के साफे, राजस्थानी संस्कृति ने जीते शेरपा के दिल
G-20 Summit Sherpa Meeting: दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे छोटी पगड़ी बांधने के कई सारे वर्ल्ड रिकार्ड कलाकार पवन व्यास के पास हैं. उन्होंने बताया कि वह 13 साल से इस कला से जुड़े हैं.
Udaipur News: उदयपुर में हो रही G-20 शेरपा बैठक के पहले दिन बैठक के बाद सिटी पैलेस के प्रसिद्ध माणक चौक में राजस्थानी कार्यक्रम हुआ. इसमें सभी शेरपा और आए अतिथियों के सिर पर राजस्थानी साफे बांधे गए. 29 देशों के शेरपा के साफे बांधे लेकिन इसमें सबसे आकर्षण का केंद्र 20 किलो वजनी साफ रहा जिसे देख सभी विदेशी मेहमान चौंक गए. यह साफे वर्ल्ड रिकॉर्ड धारी साफा आर्टिस्ट ने बांधे, जो खुद राजस्थान के रहने वाले हैं.
राजस्थानी साफों को पहन अभिभूत हुए शेरपा
बैठक समाप्ति के पश्चात माणक चौक में ‘एक्सपीरियंस राजस्थान एट माणक चौक’ का आयोजन हुआ, जिसमें विभिन्न देशों से आए शेरपा एवं एचओडी को बैठा कर साफा बांधा गया. साफा बांधने के बाद शेरपा भी बेहद उत्साहित दिखे और सेल्फी लेते नजर आए. रंग बिरंगे साफों को सिर पर बांधकर उत्साहित विदेशी अतिथियों ने गौरवांवित महसूस किया. उनके प्रफुल्लित चेहरों से खुशी और गौरव का इजहार हो रहा था. भारतीय शेरपा अमिताभ कान्त ने कहा कि जी-20 के माध्यम से वैश्विक समस्याओं को दूर का प्रयास किया जाएगा.
20 किलो का साफा रहा आकर्षण का केन्द्र
माणक चौक में सभी विदेशी अतिथियों को राजस्थानी साफा बंधवाने के दौरान साफे की अनूठी गौरवमयी परंपरा से पूरी दुनिया को रूबरू करवाने के उद्देश्य से बीकानेर के सिद्धहस्त साफा आर्टिस्ट पवन व्यास को बुलवाया गया था. व्यास ने विदेशी अतिथियों के सामने 478.5 मीटर और बीस किलो वजनी साफा बांधकर अपनी कला का प्रदर्शन किया तो सभी अतिथि इसे देखकर बड़े अभिभूत हुए. कई विदेशी अतिथियों ने बीस किलो वजनी साफे व कलाकार के साथ फोटो भी खिंचवाएं.
विश्व की सबसे बड़ी और सबसे छोटी पगड़ी बांधने के कई सारे वर्ल्ड रिकार्ड प्राप्त कलाकार पवन व्यास ने बताया कि उनका पूरा परिवार इसी तरह से साफा बांधने के कार्य से जुटा हुआ है और वे स्वयं पिछले 13 वर्षों से इस कला से जुड़े हुए हैं. इससे पहले उन्होंने 1 से 3 सेंटीमीटर की सबसे छोटी 10 अलग-अलग तरह की पगड़ी अपनी हाथों की अंगुलियों में बांध कर अपना नाम इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करवाया था.
रात को हुई सांस्कृतिक संध्या
दिनभर बैठक के बाद रात में जगमंदिर में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया. इसमें देशभर के अलग-अलग कलाकरों ने प्रस्तुतियां दीं. साथ ही शेरपा का डिनर भी इसी जगह हुआ. अब आज अजर बैठक का आयोजन होगा और फिर राजसमन्द जिले के कुम्भलगढ़ जाएंगे. इसी कारण कुम्भलगढ़ में आज और कल आम नागरिकों के लिए प्रवेश नहीं होगा.