Udaipur Gangaur Festival: उदयपुर में लगा है छोटी गणगौर का मेला, महिलाओं ने खरीदी शिव-पार्वती की सुंदर मुर्तियां
Udaipur: बड़ी गणगौर त्योहार उदयपुर में 24 मार्च को मनाया जाएगा. यहां का यह गणगौर फेस्टिवल बड़े शाही अंदाज में मनाया जाता है. पिछोला झील में शाही नाव से सवारी निकलती है.
Gangaur Festival 2023: राजस्थान (Rajasthan) का मेवाड़ जो अपने इतिहास और बलिदान के लिए प्रसिद्ध है. इसके साथ-साथ यहां के त्योहार भी काफी मशहूर हैं. इन्हीं त्योहारों में सबसे मशहूर त्योहार है गणगौर (Gangaur Festival). इस छोटी गणगौर त्योहार पर उदयपुर (Udaipur) में शीतल शप्तमी को मेला लगा है. यहां पर खूबसूरत गणगौर की मुर्तियां सजाई गई हैं.
इन्हें खरीदने के लिए सैकड़ों की संख्या में उदयपुर की महिलाएं पहुंची. दरअसल दो दिन के इस मेले में महिलाएं मूर्तियां खरीदने के बाद उनकी वहीं पूजा करती हैं अपने घर ले जाती है. इसके बाद घर में वो इन मूर्तियों की पूजा करती हैं. यह मेला बुधवार को उदयपुर के मोती चौहट्टा क्षेत्र में लगा. यहां सज-धजकर महिलाएं आईं और मूर्तियों को खरीद कर पूजा अर्चना की.
शिव-पार्वती के रूप में गणगौर की पूजा
महिलाओं ने इस त्योहार के महत्व को बताते हुए कहा कि भगवान शिव-पार्वती के रूप में गणगौर की पूजा की जाती है. सुहागन महिलाएं 16 दिन तक इनकी पूजा करती हैं. वो अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना करती हैं. महिलाएं यहां से मूर्तियों को खरीदकर घर ले जाते हैं और फिर घर में स्थापना कर भगवान शिव-पार्वती की विधि विधान से साथ पूजा-अर्चना करती हैं. फिर बड़ी गणगौर का त्योहार आता है. इसमें पिछोला झील के गणगौर घाट में सभी महिलाएं गणगौर को लेकर जाती हैं और विसर्जित करती हैं.
एक महीने पहले ही बननी शुरू हो जाती हैं मूर्तियां
बड़ी गणगौर त्योहार उदयपुर में 24 मार्च को मनाया जाएगा. यहां का यह गणगौर फेस्टिवल बड़े शाही अंदाज में मनाया जाता है. पिछोला झील में शाही नाव से सवारी निकलती है. जिसे देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. शाम को शुरू होने वाला यह कार्यक्रम रात तक चलता है. गणगौर त्योहार के आने से एक महीने पहले ही भगवान शिव-पार्वती की मूर्तियां बननी शुरू हो जाती हैं. खास बात है कि मूर्तियां बनाने की अनुमति राज परिवार की तरफ से एक ही व्यापारी परिवार को मिली हुई है.
व्यापारी परिवार के सदस्य मूर्तियों को बनाते हैं. व्यापारी जितेंद्र ने बताया कि, गणगौर मेवाड़ का सबसे प्रसिद्ध उत्सव है. इसके लिए हम एक महीने पहले से तैयारी शुरू कर देते हैं. मिट्टी की मूर्तियों को बनाते हैं, लेकिन कोई लकड़ी से बनी गणगौर की डिमांड भी करता है. मूर्तियों की कीमत 250 रुपये से लेकर 15000 रुपये तक है.