Rajasthan: उदयपुर के सरकारी हॉस्पिटल को मिली ये स्पेशल एक्स-रे मशीन, जानें- क्या है इसकी खासियत?
Udaipur News: राजस्थान में पहली बार उदयपुर को एक यूनिक मशीन मिली है. ये आम दिखने वाली एक्स-रे मशीन की तरह बड़ी नहीं है, इसे एक सूटकेस में भी रखा जा सकता है.
Udaipur News: किसी भी घर में कोई बीमार हो जाता था तो पहले निजी हॉस्पिटल की और रुख किया जाता था, लेकिन राजस्थान में अब निजी की जगह सरकारी हॉस्पिटल को लोग प्राथमिकता दे रहे हैं. इसके पीछे कारण है तकनीकी रूप से सरकारी हॉस्पिटल मजबूत बन रहे हैं. कई ऐसी मशीन भी हैं जो निजी हॉस्पिटल में देखने को नहीं मिलतीं, लेकिन सरकारी में हैं. ऐसी ही एक यूनिक मशीन राजस्थान में पहली बार उदयपुर को मिली है.
आपने एक्सरे मशीन देखी ही होगी, मशीन इतनी बड़ी होती है कि हॉस्पिटल में एक कमरा उसके लिए स्पेशल रहता है लेकिन अब ऐसा नहीं है. जिस यूनिक मशीन की बात कर रहे हैं वह है लैपटॉप एक्सरे मशीन. इसे कही भी ले जा सकते हैं. जानिए इस खास मशीन के बारे में डिटेल में जानते हैं.
लैपटॉप एक्सरे मशीन
राजस्थान चिकित्सा विभाग ने पहली बार इस एक्सरे मशीन की सौगात दी है, जिसे हैंडी एक्सरे कहते हैं. खास बात यह है कि सबसे पहले ये मशीन उदयपुर को मिली हैं. मशीन लैपटॉप से अटैच होगी, इसलिए इसे लैपटॉप एक्सरे मशीन भी कहा जा रहा है. यह सिर्फ एक मिनट में एक्स-रे के साथ उसकी रिपोर्ट भी दे देगी. ये रिपोर्ट एआई सिस्टम पर आधारित होगी. इससे रोगी जिस भी वार्ड में होगा या कहीं भी होगा, वहीं जाकर एक्स-रे किया जा सकेगा. रिपोर्ट भी तत्काल मिलेगी. मशीनों की जो किरणें निकलती हैं जिसे हानिकारक कहा जाता है, इससे यह भी चिंता नहीं है. यह पोर्टेबल साइज एक्स-रे मशीन उदयपुर शहर की भुवाणा यूपीएचसी और भींडर सीएचसी को सौंप गई है.
टीबी रोगियों के लिए होगी सबसे ज्यादा सहायक
सीएमएचओ डॉ. शंकर बामनिया ने बताया कि मशीनें केंद्रीय क्षय अनुभाग विभाग और वर्ल्ड विजन इंडिया से जुड़े विलियम जे और जीत एनजीओ के सहयोग से उपलब्ध कराई गई है. उदयपुर में टीबी रोगियों की बात करें तो 9300 रोगी है. रोजाना 70 से ज्यादा टीबी रोगियों के एक्स-रे होते हैं. कुछ को बड़े हॉस्पिटल भी भेजा जाता है. यह मशीन उदयपुर के भुवाणा यूपीएचसी में रखी हुई है, जहां के प्रभारी डॉ. सोनल गुप्ता ने बताया कि मशीन एक सूटकेस में आ जाती है. सरकार की तरफ से कैंप का आयोजन किया जाएगा. जहां तकनीकी स्टाफ के साथ इस मशीन को भेजा जाएगा. वहां शिविर में आने वाले लोगों के की जांच की जाएगी. 1 मिनट ने रिपोर्ट प्राप्त होगी जिससे उसकी बीमार का पता चल पाएगा.
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