Rajasthan News: 4 लोगों पर हमला कर उनको मौत के घाट उतारने वाले टाइगर को 'उम्रकैद' होने जैसी बात सुनकर थोड़ा अटपटा सा लगता है. सवाल उठता है कि टाइगर को 'उम्रकैद' कैसे हो सकती है लेकिन ऐसा ही कुछ राजस्थान में हुआ है. रणथंभोर टाइगर रिजर्व का राजा और सबसे स्मार्ट टाइगर T-24 जिसका नाम उस्ताद भी है, जिसे देखने के लिए कई पर्यटक आते थे, ने हमलाकर 4 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. इसीलिए उसे जंगल से बायोलॉजिकल पार्क ले आया गया और तब से वह यही रह रहा है. बड़ी बात यह है कि उसे बिलकुल एकांत वाले एनक्लोजर में रखा गया है. ना उस्ताद किसी तो देख सकता है और ना कोई उस्ताद को. सिर्फ डॉक्टर और केयर टेकर ही उसके पास है.
1 हेक्टेयर क्षेत्र में काट रहा है जिंदगी
वन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार रणथंभोर के टी-20 (झूमरू) और टी-22 (गायत्री) के मिलन पर T-24 उस्ताद वर्ष 2005 में पैदा हुआ था. रणथंभोर में उस्ताद की संगीनी टी-39 (नूर) थी जिसके साथ में अकसर लोगों को नजर आया करता था. उस्ताद रणथंभोर में 9-10 साल तक रहा जहां लोग सिर्फ उसे ही देखने आते थे. बता दें कि वहां इस टाइगर को 60-100 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र मिला था लेकिन अब बायोलॉजिकल पार्क में 1 हेक्टेयर में फैले एनक्लोजर में इसे रहना पड़ रहा है.
उस्ताद ने किया था दो फॉरेस्ट गार्ड और ग्रामीणों का शिकार
विभागीय रिकॉर्ड के अनुसार उस्ताद ने जुलाई 2010, मार्च 2012 में दो ग्रामीणों और अक्टूबर 2012 में रणथंभोर के फॉरेस्ट गार्ड पर हमला किया था जिससे उनकी मौत हो गई थी. वहीं 8 मई 2015 को उस्ताद ने रणथंभोर के फॉरेस्ट गार्ड रामपाल सैनी को मार दिया था. इसके बाद से उस्ताद की पहचान और ज्यादा बढ़ गई. फिर उसे रणथंभोर से शिफ्ट करने की कवायद शुरु हुई और वर्ष 2015 में ही उदयपुर सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में भेजा गया.
बीच में उस्ताद को पेट की बीमारी ने भी जकड़ लिया था जिसके लिए प्रदेश के बाहर से डॉक्टर को बुलाया था और उपचार हुआ. उसे अभी कीमा को गर्म कर खिलाया जाता है. अजनबी को देख छिप जाता है. विद्या की दहाड़ से खुश होता है. अधिकारियों ने बताया कि अन्य दो टाइगर कुमार और विद्या का होल्डिंग एरिया बंद भी कर देते हैं लेकिन उस्ताद का नहीं करते. उस्ताद को फ्री छोड़ रखा है, जब मन चाहे होल्डिंग एरिया में आए या बाहर पिंजरे में ही रहे. उसके पिंजरे के पास ही टाइग्रेस विद्या का पिंजरा है. विद्या की दहाड़ सुनकर काफी खुश रहता है.
एक्सपर्ट अनिल रोजर्स से जाने T-24 के बारे में
अनिल रोजर्स ने बताया कि सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नियमों के अनुसार अगर वाइल्ड टाइगर को किसी कारणवश पार्क के पिंजरे में रखा जाता है, तो उसे डिस्प्ले नहीं किया जा सकता. इसके पीछे कारण है कि वह मनुष्यों को देखकर आक्रमक में हो सकता है और स्वयं को भी नुकसान पहुंचा सकता है. T-24 के केस में भी कुछ ऐसा ही है इसलिए इसे लोगों से दूर रखा गया है. बायोलॉजिकल पार्क के डॉक्टर हंस जैन ने बताया कि T-24 स्वस्थ है जिसकी अच्छे से देखभाल की जा रही है और उसकी जो डाइट फिक्स की हुई है उसी के अनुसार खाना दिया जा रहा है.
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