International FIDE Rating Chess Competition: शह और मात का खेल शतरंज, जिसमें आपने कई दिग्गजों को खेलते देखा है. दिमाग चाल बनाता है और हाथ चाल चलते हैं. आज ऐसे छोटी उम्र के खिलाड़ी की बात कर रहे हैं जिसके हाथ नहीं हैं और पैर ठीक से चल नहीं पाता फिर भी बड़े-बड़े दिग्गज खिलाड़ियों को मात दे चुका है. उदयपुर (Udaipur) में इंटरनेशनल फीडे रेटिंग शतरंज प्रतियोगिता चल रही है, जिसमें दिव्यांग आदित्य धुले भी आए हैं. यहां अब तक 3 राउंड हुए हैं, जिसमें आदित्य 1 जीते, 1 हारे और 1 ड्रा हुआ. अब 6 राउंड और होने वाले हैं, जिसमें वह अपना कमला दिखाएंगे.
ऐसे चलते हैं चाल
दिव्यांग आदित्य धुले व्हील चेयर पर मैच खेलने के लिए आते हैं. अब सवाल यह उठता है कि हाथ से चाल नहीं चल सकते तो वह खेलते कैसे हैं. दरअसल प्रतियोगिता के आयोजक उनके लिए एक सहायक नियुक्त करते हैं. आदित्य अपने दिमाग से चाल सोचते हैं और फिर सहायक को वहीं चाल चलने को कहते हैं. आदित्य के पिता आशाराम धुले का कहना है कि आदित्य को क्रिकेट पसंद है. वह सचिन के फैन हैं और उनकी तरह खेलना चाहते थे लेकिन दिव्यांगता के चलते तीन साल पहले शतरंज को चुना.
इसके लिए कोच सतीश ठाकुर को ढूंढा और शतरंज सीखा. आदित्य पहले स्टेट टूर्नामेंट में हार गया था. वह निराश हो गया था और खूब रोया था, लेकिन फिर हिम्मत जुटाई और महाराष्ट्र में चेस फेडरेशन ऑफ फिजिकली डिसएबल्ड के दो नेशनल खेले, उसमें नौवां और 10वां स्थान हासिल किया.
और भी ऐसे चौकाने वाले प्रतिभागी आए हैं
प्रतियोगिता के आयोजक विकास साहू का कहना है कि आदित्य जैसे बच्चे सामान्य वर्ग में खेल रहे हैं. ऐसे में हर मैच में उनके लिए एक सहायक की नियुक्ति की गई है. वह चल नहीं सकते और अपने हाथ नहीं हिला सकते फिर भी मात दे रहे हैं. यही नहीं एक अन्य खिलाड़ी भी है जिनकी उम्र 89 वर्ष है, जिस उम्र में लोगों की याददाश्त कम हो जाती है उस उम्र में तमिलनाडु के टी सुभ्रमन्यम खिलाड़ियों को मात दे रहे हैं.