International Museum Day: आज यानी 18 मई को अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस है. देशभर में कई संग्रहालय आपने देखे होंगे. जहां की संस्कृति, विरासत को संजोकर रखा गया है. आज हम ऐसी विरासत के बारे में बात कर रहे हैं जो 1600 सदी में बनी और आज भी वैसी की वैसी है. यह है देश का दूसरा सबसे बड़ा किला है जो उदयपुर में स्थित है. इसे सिटी पैलेस के नाम से जाना जाता है.
एक विरासत है सिटी पैलेस
महाराणाओं ने इसको एक के बाद एक बड़ा रूप दिया है. बड़ी बात यह है कि इनके वंशज राज परिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ और इनके पुत्र युवराज लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ इस विरासत को संभाल कर रखे हुए है. सिटी पैलेस अपने आप में एक बड़ी विरासत है, लेकिन इसके अंदर दो संग्रहालय बने हैं. पहला तो खुद राज परिवार का और दूसरा सरकारी. दोनों जगहों पर टिकट लेकर प्रवेश दिया जाता है.
फिल्मों की हुई शूटिंग
सिटी पैलेस में बॉलीवुड की कई हिट फिल्मों की शूटिंग हुई है, जिसमें अभिनेता रणवीर सिंह की ये जवानी है दीवानी भी शामिल है. यही नहीं उदयपुर में हर साल औसत 10 लाख पर्यटक आते हैं और लगभग सभी पर्यटक इसे देखने के लिए जाते हैं. यह भी बता दें कि संग्रहालय में मेवाड़ के सभी महाराणाओं के बारे में बताया हुआ है, खासतौर पर महाराणा प्रताप के बारे में. महाराणा प्रताप जिनके शौर्य और वीर को पूरा देश नमन करता है. उनकी युद्ध की वेशभूषा यहां अभी भी है जो 35 किलो वजनी है. इसके अलावा ऐतिहासिक हल्दी घाटी युद्ध के बारे में भी बताया गया है.
विरासत पर युवराज लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने क्या कहा
जब उनसे पूछा कि मेवाड़ क्या है तो उन्होंने कहा कि आंधी तूफानों में मेवाड़ ने रुकना नहीं सीखा. लाखों नंगी तलवारों के सामने झुकना नहीं सीखा. सिर कटने के बाद भी धड़ यहां लड़ा करते हैं. मेवाड़ ने कभी बिकना नहीं सीखा. विरासत के बारे में उन्होंने कहा कि इसे संजों कर रखने के लिए रोजाना नए बदलाव होते हैं. लोगों से बातचीत होती है.
सोचते हैं कि कैसे बेहतर किया जाए, कैसे 21वीं सदी में लोगों तक पहुंचाने का काम किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि विरासत को कई बार इमारतों तक सीमित रख देते हैं जबकि हमारी भाषा भी हमारी विरासत है, इसे भी संजों कर रखना हमारा धर्म बनता है.
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