Jodhpur News: हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद, फिर भी लोग कनाडा के इस एप से धड़ल्ले से चला रहे नेट
Jodhpur Curfew: जोधपुर में हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद हैं. लेकिन लोग एक कैनेडियन मोबाइल एप के जरिए इंटरनेट इस्तेमाल कर सोशल मीडिया पर संदेशों का आदान-प्रदान बे-रोक टोक कर रहे हैं.
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Jodhpur Internet Shutdown: जोधपुर उपद्रव के बाद अफवाहों पर रोक लगाने के उद्देश्य से जोधपुर जिले में 3 मई से मोबाइल इंटरनेट सेवा पर रोक लगी हुई है. लेकिन इस आदेश के बावजूद कई लोगों के मोबाइल में इंटरनेट चालू होने से सोशल मीडिया पर संदेशों का आदान-प्रदान बे-रोक टोक जारी है. लोग एक कनेडियन ऐप की मदद से मोबाइल में इंटरनेट सेवाएं इस्तेमाल कर रहे हैं. गत सोमवार देर रात उपद्रव हो गया था. जिला कलक्टर और संभागीय डीविजलन कमिश्नर हिमांशु गुप्ता ने रात एक बजे से अग्रिम आदेश तक मोबाइल इंटरनेट को निलम्बित कर दिया था.
प्रॉक्सी सर्वर या आइपी एड्रैस से मिल रही सुविधा
बता दें कि इसके बाद से मोबाइल इंटरनेट सेवा को पूरे जिले में बंद कर दिया गया था, लेकिन पिछले एक दो दिन से मोबाइल इंटरनेट फिर से चालू हो गया है, खास बात ये है कि इसको प्रशासन ने नहीं चालू किया है. इसके पीछे एक ऐप को वजह माना जा रहा है. वाई-फाई से मोबाइल में इंटरनेट कनेक्ट करने के बाद यह ऐप डाउनलोड कर इंटरनेट की सुविधाएं ले रहे हैं. सूत्रों की मानें तो ऐप डाउनलोड करने के बाद मोबाइल के आइपी एड्रेस को दूसरे राज्य या विदेशी प्रॉक्सी सर्वर या आइपी एड्रेस से कनेक्ट किया जाता है. जिससे मोबाइल में इंटरनेट की सुविधा मिलने लग जाती है.
यह एप जिससे मोबाइल में इंटरनेट चलाया जा रहा है
कनाडा की एप मोबाइल डेटा के लिए असुरक्षित जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता और पुलिस कमिश्नर नवज्योति गोगोई ने बताया कि इस एप की जांच करवाई गई है, यह कनाड़ा ऑरिजन एप है. इस कंपनी का टारगेट खास तौर पर जहां मोबाइल इंटरनेट बंद होता है, उन्हीं क्षेत्रों में होता है. ये फायरवॉल को ब्रेक कर देते हैं और इससे मोबाइल के डेटा हैक होने का भी खतरा है. पुलिस की साइबर सेल ने इस पर अनुसंधान कर मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर के जरिये टेलीफोन रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) को इसकी सूचना दे दी है. केन्द्र सरकार इस पर कार्रवाई कर सकती है.
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