Udaipur News: उदयपुर शहर के बीचों-बीच स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर या जगदीश मंदिर की माया अद्भुत और निराली है. जगदीश मंदिर से हर साल आषाढ़ बीज को धूमधाम से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलती है. लेकिन इस बार की रथ यात्रा में कुछ नयापन होनेवाला है. भगवान श्रीकृष्ण चांदी से बने 30 टन वजनी रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे. 1 जुलाई को आषाढ़ बीज को रथ यात्रा निकलेगी. रथ यात्रा में लाखों भक्त शामिल होंगे. 


400 साल पुराने जगदीश मंदिर से निकलेगी रथ यात्रा


रथ यात्रा समिति के अध्यक्ष राजेंद्र श्रीमाली ने बताया कि उदयपुर के 400 साल पुराने जगदीश मंदिर से रथ यात्रा निकालने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. 26 जुलाई को रथ मंदिर के प्रांगण में दर्शन को रख दिया जाएगा. साथ ही रथ यात्रा में सजे-धजे हाथी-घोड़े रहेंगे, महिलाएं कलश यात्रा के रूप में निकलेंगी. भजनों के साथ पूरा उदयपुर भक्तिमय होगा. सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे. 


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कोरोना काल के दो साल बाद रथ यात्रा का आयोजन


राजेन्द्र श्रीमाली ने बताया कि कोरोना काल के दो साल बाद रथ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है. इस रथ को बनाने में भी दो साल लग गए. वर्ष 2002 में बना रथ क्षतिग्रस्त हो चुका था. उसी तर्ज पर सागवान की लकड़ी से रथ बनाया गया है और उस पर 90 किलो चांदी चढ़ाई गई है. रथ 8 फीट चौड़ा, 16 फीट लंबा और 21 फीट ऊंचा होगा. कुल वजन 30 टन है. रथ को भक्तगण रस्सी से खींचकर भगवान श्रीकृष्ण को नगर भ्रमण कराएंगे.


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