Kumbhalgarh Festival: झीलों की नगरी उदयपुर विश्व प्रसिद्ध है. यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. प्रशासन और विभाग की तरफ से भी पर्यटकों को कुछ नया अनुभव देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. ऐसे में आज से राजस्थानी संस्कृति से भरपूर प्रसिद्ध कुंभलगढ़ फेस्टिवल (Kumbhalgarh Festival 2023) शुरू होने जा रहा है. जिसे देखने के लिए देशी ही नहीं बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी पहुंचते हैं. पर्यटन की दृष्टि से उदयपुर दिसंबर में और भी खास हो जाता है. क्योंकि इस फेस्टिवल के बाद उदयपुर में शिल्पग्राम मेला भी शुरू होगा. जो मेवाड़ ही नहीं राजस्थान के लिए भी स्पेशल रहता है. जानिए कुंभलगढ़ फेस्टिवल में क्या होगा खास.
चुनाव के चलते इस बार दिन दिन में कार्यक्रम
यह मेला राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ किले पर आयोजित होता है. यहां आने वाले पर्यटकों को कुंभलगढ़ फेस्टिवल के साथ जंगल सफारी और किले का साइट सीन भी देखने को मिल जाता है. इस मेले में दिन के साथ-साथ शाम को भी कार्यक्रम होते हैं, लेकिन इस बार शाम वाले कार्यक्रम नहीं हो पाएंगे. इसके पीछे कारण है विधानसभा चुनाव की मतगणना. कानून व्यवस्था की दृष्टि से इस बार सिर्फ दिन में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. पर्यटक विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि प्रदेशभर से 13 स्थानों से विशेष कलाकार आएंगे जो अपनी प्रस्तुति देंगे.
3 दिन का फेस्टिवल होंगी ये विशेष प्रस्तुतियां
कुंभलगढ़ फेस्टिवल आज यानी 1 दिसंबर से शुरू होगा जो 3 दिसंबर तक चलेगा. इसमें रोजाना 4 घंटे तक विशेष प्रस्तुतियां आयोजित की जाएगी. सुबह 11 बजे से प्रस्तुतियों का दौर शुरू होगा जो 3 बजे तक चलेगा. कलाकारों की बात करें तो यहां घूमर नृत्य के लिए किशनगढ़ से, चकरी नृत्य, सहारिया स्वांग नृत्य के लिए बारां से, कच्छी घोड़ी नृत्य उदयपुर से, लाल गैर नृत्य, लगा मांगणियार नृत्य बाड़मेर, बांकिया वादन कुंभलगढ़, बहुरूपिया चित्तौड़गढ़, चंग ढप नृत्य चूरू, तेरहताल नृत्य उदयपुर गोगुंदा से 13 कलाकार आएंगे.