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Udaipur Tourism: उदयपुर की झीलों में अब चलेगी सिर्फ सोलर बोट, हाई कोर्ट के निर्देश पर प्रशासन ने लिए फैसला
उदयपुर कलेक्टर ताराचंद मीणा ने कहा है कि यहां की झीलों में अगले 6 महीने के भीतर सिर्फ सोलर बोटें ही चलाई जाएंगी. अब झीलों में पेट्रोल और डीजल से चलने वाली नावें बंद होगी क्योंकि इससे प्रदूषण बढ़ता है.
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Udaipur News: उदयपुर में झीलों में जलीय जीवों पर संकट कम करने और प्रदूषण को रोकने के लिए राजस्थान में नई शुरुआत होने जा रही है. अब झीलों में पेट्रोल और डीजल से चलने वाली नावें बंद होगी और सिर्फ सोलर की नावें ही चलेंगी. यही नहीं झील किनारे स्थित होटल की भी नावें बंद की जा रही है. यह निर्णय झीलों की नगरी उदयपुर में झील संरक्षण समिति की हुई बैठक में लिया गया है.
जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने बताया कि 6 माह बाद सिर्फ सोलर बोटें चलेंगी. बैठक में नावों के संचालन हेतु ईंधन के उपयोग के संबंध में हाई कोर्ट द्वारा 30 मार्च को दिए गए निर्णय की पालना में छह माह में नावों की बैटरी/सोलर उर्जा में परिवर्तित करने के निर्देश दिए गए. बता दें कि झील प्रेमी लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं कि डीजल की नाव से जलीय जीवों का जीवन संकट में पड़ता है और जल प्रदूषित होता है. इसको लेकर हाई कोर्ट ने भी आदेश जारी कर दिए हैं. उदयपुर पिछोला और फतहसागर में नावों का संचालन किया जाता है.
जिन नावों में स्पा और रेस्टोरेंट, वह होगी बन्द
कलेक्टर मीणा ने बताया नावों की जेटियों के लिए तकनीकी कमेटी बनाने के निर्देश दिए. यह 15 दिन में अपनी रिपोर्ट समिति को देगी. जिन नावों में स्पा, रेस्टोरेंट है उन्हें हटाया जाएगा. होटल की नावें केवल पर्यटकों को लाने, ले जाने का काम करेंगी. ऐसा प्रस्ताव कमेटी के निर्णय पर राजस्थान झील विकास प्राधिकरण को भेजा है. झील किनारे कई बड़े 5 स्टार होटल हैं, जिनकी नाव में स्पा और रेस्टोरेंट हैं.
नावों पर लगेगी जीपीएस
होटलों और नगर निगम की नावों का रूट निर्धारित किया हुआ है, लेकिन पर्याप्त मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण निर्धारित मार्ग पर होटलों द्वारा नाव संचालन नहीं किया जाता है. इसकी भी झील प्रेमी कई बार शिकायत करते हैं. बैठक में इसके लिए नाव संचालन के मार्ग का निर्धारण करने के साथ ही समस्त नावों पर जीपीएस सिस्टम लगवाने का निर्णय लिया गया. यह कार्य छह माह में पूरा करना होगा.
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