Rajasthan News: उदयपुर के जंगल में खूंखार लेपर्ड से भिड़ गया बहादुर बेटा, ऐसे बचायी पिता की जान
Leopard Attack: लेपर्ड के शिकंजे में आए पिता को देखकर बेटा ने साहस का परिचय दिया. उसने लेपर्ड के कान पकड़कर घूंसे मारे. घूंसे पड़ने से लेपर्ड बिलबिला उठा. आखिरकार लेपर्ड को पीछे हटना पड़ा.
Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुर में मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं आम हो गयी हैं. लेपर्ड और इंसानों के बीच आए दिन टकराव की स्थिति देखने में आती है. आज फिर एक शख्स पर लेपर्ड ने हमला कर दिया. पिता को बचाने के लिए बेटा भी लेपर्ड से भिड़ गया. दोनों के बीच चली जंग में आखिरकार लेपर्ड को पीछे हटना पड़ा. गनीमत रही कि बाप-बेटे की जान बच गयी. हालांकि लेपर्ड के हमले में पिता घायल हो गया.
पिता को बचाने के लिए दिखायी साहस
घायल पिता को वन विभाग की टीम ने हॉस्पिटल ने भर्ती कराया. घटना फलासिया क्षेत्र के उमरिया गांव की है. रेंजर दिलीप सिंह गुर्जर ने बताया कि रिटायर हेड कांस्टेबल सुबह खेत पर जा रहे थे. उन्होंने लेपर्ड को देखकर गांव वालों को सावधान करने के लिए शोर मचाया.
लेपर्ड जंगल में नाले की तरफ चला गया. ग्रामीण लेपर्ड को देखने के लिए इकट्ठा हो गए. लेपर्ड जंगल से बाहर निकलकर रिटायर हेड कांस्टेबल पर अचानक धावा बोल दिया. कुछ दूरी पर 25 वर्षीय बेटा दिनेश खड़ा था. पिता को बचाने के लिए बेटा लेपर्ड से भिड़ गया.
बेटे ने खूंखार लेपर्ड से ऐसे बचायी जान
उसने लेपर्ड के कान पकड़कर घूंसे मारे. लेपर्ड पीछे हटकर पिता और बेटे पर हमला करने के लिए दोबारा आगे बढ़ा. हाथ में लाठी लिए दिनेश जोर से चिल्लाया. आवाज सुनकर लेपर्ड जंगल में भाग गया. रेंजर दिलीप सिंह गुर्जर ने बताया कि सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची.
लेपर्ड चट्टानों में जाकर छुपा हुआ था. ट्रांकुलाइज करने वाली टीम भी मौके पर पहुंच गयी. मौके पर लोगों की भीड़ जुट गयी थी. लेपर्ड के चट्टानों से बाहर आने पर वन विभाग की टीम ने ट्रांकुलाइज कर पकड़ लिया. कब्जे में आने के बाद लेपर्ड को बायलोजिकल पार्क लाया गया. डॉक्टर की निगरानी में लेपर्ड को रखा गया है. दो दिन बाद जंगल में छोड़ दिया जाएगा.