Udaipur Leopard Attack: राजस्थान के उदयपुर में लगभग दो हफ्ते से लोग तेंदुए के आतंक में जी रहे हैं. अभी तक ये खूंखार आदमखोर तेंदुआ 6 लोगों का शिकार कर चुका है. तेंदुए से गांव के लोग दहशत में हैं, लेकिन जानवर अभी तक पकड़ में नहीं आ सका है. वन विभाग की टीम लगातार उसे खोज कर पकड़ने की कोशिश कर रही है.


19 सितंबर से शुरू हुए इन हमलों का शिकार पांच साल की बच्ची से लेकर वृद्ध महिला तक हुई हैं. तेंदुए के आतंक में अब तक 6 जानें जा चुकी हैं. 


19 सितंबर से शुरू हुआ तेंदुए का आतंक
सबसे पहले 19 सितंबर को एक बच्ची कमला जंगल में बकरियां चराने गई थी. जब शाम होने तक भी वह वापस नहीं आई, तो घर वालों ने उसकी तलाश शुरू की. कमला का शव जंगल में क्षत-विक्षत हालत में मिला. उस दिन से गांव में तेंदुए का आतंक पसर गया. इसके बाद अगले दिन यानी 20 सितंबर को तेंदुए ने गांव के एक आदमी हमेरी पर हमला कर दिया. उसकी भी मौत हो गई.


इसके बाद 25 सितंबर को एक पांच साल की मासूम तेंदुए के हमले का शिकार हो गई. बच्ची अपनी मांग के साथ नहर में नहाने के लिए गएई थी. महिला ने बच्ची को नहला-धुला कर तैयार कर के बैठा दिया था और खुद नहर में नहाने के लिए चली गई थी. इस दौरान तेंदुआ बच्ची को खींचते हुए ले गया. 


फिर 28 सितंबर को गुड़ागांव की गट्टू बाई नामक महिला को तेंदुए ने अपना शिकार बनाया. ये तेंदुए के हमले में चौथी मौत थी. इसके अलावा, उदयपुर में पिंडवाड़ा हाईवे के पास एक गांव में आबादी से थोड़ी दूर एक बूढ़ी महिला घर बनाकर रहती थी. तेंदुए ने उसी के घर के बाहर महिला पर अटैक कर दिया. महिला की मौत हो गई है. 


सोते हुए पुजारी को खींच ले गया तेंदुआ
वहीं, सोमवार (30 सितंबर) को भी तेंदुए ने एक सोते हुए पुजारी पर हमला कर दिया और उसे खींच कर कहीं और ले गया. सोमवार की भोर में 4.00 बजे यह घटना हुई होगी. पुजारी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था. उदयपुर पुलिस ने जानकारी दी थी कि पुजारी का शव मंदिर से कुछ दूरी पर ही बरामद किया गया. 


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