Rajasthan News: उदयपुर (Udaipur) के पर्यटन में एक और बड़ा अध्याय जुड़ गया है. यहां एशिया (Asia) की दूसरी सबसे बड़ी जयसमंद झील (Jaisamand Lake) देखने आने वाले पर्यटक अब 39 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर एडवेंचर का आनंद ले पाएंगे. उदयपुर में राजस्थान की तीसरी लेपर्ड सफारी (Leopard Safari) की शुरुआत हो चुकी है. सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने उदयपुर दौरे पर लेपर्ड सफारी का वर्चुअल उद्घाटन किया है. इसके बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने हरी झंडी दिखाकर जिप्सी को रवाना किया.
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि वन और पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं. प्रदेश में वन्यजीव, वन क्षेत्र और इको टूरिज्म का निरंतर विकास किया जा रहा है. जयसमंद अभयारण्य में जंगल सफारी की शुरुआत से उदयपुर जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही प्रदेश में एक प्रमुख इको टूरिज्म साइट का विकास होगा और क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. उन्होंने कहा कि जयसमंद अभयारण्य में प्रोजेक्ट लेपर्ड के तहत किए गए प्रयासों से वर्तमान में लेपर्ड की संख्या बढ़कर 19 हो चुकी है.
राजस्थान में चौथे टाइगर प्रोजेक्ट पर चल रहा काम
सीएम गहलोत ने कहा कि वर्ष 1972 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वन एवं वन्यजीव संरक्षण के महत्व को समझा और ‘प्रोजेक्ट टाइगर‘ की नींव रखी. उसी का परिणाम रहा कि भारत में आज विश्व के 70 प्रतिशत बाघ रहते हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में तीन टाइगर सफारी है. हाल ही राज्य के चौथे टाइगर प्रोजेक्ट के रूप में रामगढ़ विषधारी को विकसित किया गया है.
लेपर्ड सफारी में क्या कुछ होगा खास
उदयपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर बांसवाड़ा हाईवे पर जयसमंद झील है. इस एरिया में जयसमंद झील के अलावा कोई बड़ा पर्यटन स्थल नहीं हैं इसलिए पर्यटकों का यहां ठहराव नहीं पाता है. लेकिन अब हो पाएगा. क्योंकि यहां अब लेपर्ड सफारी की शुरुआत हो गई है. जयसमंद झील देखकर शाम को जंगल सफारी कर सकते हैं.
इस जंगल सफारी में 2 ट्रैक बनाए गए हैं जिसमें एक 17 और दूसरा 22 किलोमीटर का है. कुल 34 किलोमीटर के ट्रैक हैं. इसमें एक ट्रेक में करीब डेढ़ घंटे का समय लगेगा. लेपर्ड सफारी सुबह 6-9 और फिर शाम 4.30 से 7.30 बजे किया जा सकेगा. प्रति व्यक्ति इस सफारी में घूमने का खर्च 780 रुपये है.