Rajasthan Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव जीतने के लिए सियासी पार्टियों ने दमखम लगा दिया है. प्रत्याशियों को जिताने के लिए सभायें और रैलियां की जा रही हैं. अक्सर देखने में आता है कि हारा हुआ प्रत्याशी सभा नहीं करता. सिर्फ जीता हुआ प्रत्याशी लोगों का धन्यवाद देने के लिए रैली निकालता है.


चुनावी माहौल के बीच उदयपुर का एक सियासी किस्सा काफी मशहूर है. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदयपुर लोकसभा सीट से चुनावी रण में उतरे थे. बड़ी बात की जहां नेता जीतने के बाद भी अपने क्षेत्र में धन्यवाद नहीं करते लेकिन बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने उस समय बड़ी सभा का आयोजन किया था. उनके संबोधन में कही गयी बातें लोगों को आज याद हैं. 




सुखाडिया के निधन के बाद उदयपुर में हुए थे उपचुनाव 


बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रकोष्ठ के सदस्य विजय विपलावी ने बताया कि बात वर्ष 1982 की है. लंबे समय तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहने वाले मोहनलाल सुखाडिया का सांसद रहते निधन हो गया था. इसलिए उदयपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुए. उपचुनाव में बीजेपी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुंदर सिंह भंडारी को प्रत्याशी बनाया. सुंदर सिंह भंडारी के सामने कांग्रेस ने दीनबंधु वर्मा को चुनावी रण में उतारा. उस समय राजस्थान के शिवा चरण माथुर मुख्यमंत्री थे. लोकसभा उपचुनाव में दोनों दिग्गज नेताओं के बीच जबरदस्त मुकाबला हुआ. बीजेपी के प्रत्याशी सुंदर सिंह भंडारी उपचुनाव हार गये.


हारने के बाद भी सुंदर सिंह भंडारी ने किया था धन्यवाद


उपचुनाव हारने के बाद भी सुंदर सिंह भंडारी मुखर्जी चौक में सभा की. सुंदर सिंह भंडारी के संबोधन में कही गयी बातें लोगों को आज भी याद हैं. उन्होंने कहा था, "उदयपुर की जनता का समर्थन देने के लिए धन्यवाद अदा करते हुए उन्होंने आगे कहा कि मैं जीतता तो भी दिल्ली जाता और हारा हूं तो भी दिल्ली जा रहा हूं. वर्षों से पार्टी के लिए दिल्ली में रह रहा हूं." उन्होंने आगे कहा कि दीनबंधु अगर लोकसभा का उपचुनाव नहीं जीतते तो दिल्ली नहीं जाते. अब जब चुनाव में दीनबंधु जीते हैं और दिल्ली आएंगे तो हम दोनों मिलकर काम करेंगे. मैं तो दिल्ली में रहता हूं और राजनीतिक क्षेत्र में सदा सुहागन हूं. बता दें कि सुंदर सिंह भंडारी ने बिहार और गुजरात के राज्यपाल का दायित्व भी संभाला है. साथ ही राजस्थान से दो बार राज्यसभा के सांसद भी रहे.


OPS और ERCP को लेकर कांग्रेस पर भड़कीं निर्मला सीतारमण, कहा- 'वोट के लिए जनता को कर रहे गुमराह'