Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुर में करीब 400 साल पुराना भगवान जगदीश का मंदिर है. यहां सभी परंपरा "पूरी जगन्नाथ" की तर्ज पर ही निभाई जाती है. इसमें रथ यात्रा हो या पूजा-अर्चना हो. इसी परंपरा को लेकर शुक्रवार (21 जून) को उदयपुर के जगदीश मंदिर में जेष्ठ पूर्णिमा के मौके पर भगवान को 108 घड़ों के पानी से स्नान कराया गया. इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ी. इसके बाद अब "पूरी जगन्नाथ रथ यात्रा" की तर्ज पर यहां भी रथ यात्रा निकाली जाएगी.

 

जगदीश मंदिर के पुजारी लोकेश ने बताया कि ज्येष्ठ माह में भीषण गर्मी होती है, जो भगवान को सहन नहीं होती. इसी वजह से उन्हें यह खास स्नान कराया जाता है. इस स्नान के बाद भगवान बीमार हो जाते हैं और 15 दिन उनका देखरेख कर काढ़े का भोग लगाया जाता है. उदयपुर के जगदीश मंदिर में यह परंपरा कई वर्षों से निभाई जा रही है. भगवान को दूध, दही, शहद, केसर और जल से स्नान कराया जाता है और इसबार शुक्रवार को 108 घड़ों के पानी से स्नान कराया गया.
  

 

15 दिन बाद निकलेगी रथ यात्रा

भगवान स्नान के बाद बीमार हो जाते हैं, जिन्हें 15 दिन तक जड़ी बूटियों से बने काढ़े का भोग लगाया जाता है. मंदिर में आने वाले भक्तों को भी यह देसी जड़ी बूटियों से बना काढ़ा प्रसाद में दिया जा रहा है. 15 दिनों तक भगवान बीमार रहते हैं, 15 दिनों में मौसम में भी कई तरीके के बदलाव आते हैं.

 

इसके 15 दिन बाद भगवान ठीक होकर नगर भ्रमण पर निकलते है. यानी उदयपुर में भी जगन्नाथ रथ यात्रा निकलेगी. इसमें भी हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. भगवान चांदी से बने रथ में विराजते हैं और फिर उन्हें उदयपुर नगर भ्रमण कराया जाता है. बता दें इस उत्सव का शहरवासियों को साल भर इंतजार रहता है.