Rajasthan News: उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने दो गांवों को स्मार्ट बना दिया है. बड़गांव पंचायत समिति के मदार और ब्राह्मणों की हुन्दर गांव को दूसरी बार 'स्मार्ट विलेज' का खिताब मिला है.


राज्यपाल कलराज मिश्र ने गांव गोद लेकर स्मार्ट विलेज में रूपांतरित करने की पहल शुरू की थी. दरअसल राज्यपाल ने प्रदेश के सभी 27 राजकीय वित्तपोषित विश्वविद्यालयों को यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी (यूएसआर) के तहत गांव गोद लेकर स्मार्ट विलेज में रूपांतरित करने की पहल शुरू की थी.


दोनों स्मार्ट विलेज को माह जनवरी से मार्च 2024 की त्रैमासिक अवधि में किए गए नवाचार और अन्य गतिविधियों की समीक्षा के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने एमपीयूएटी के कुलपति डॉ अजीत कुमार कर्नाटक को प्रसंशा पत्र भेजा है. साथ ही अन्य विश्वविद्यालयों के लिए भी इसे अनुकरणीय पहल के रूप में रेखांकित किया है. इससे पहले भी गांव मदार और ब्राह्मणों की हुन्दर गांव को खिताब मिल चुका है. इस बार 27 विश्वविद्यालयों के बीच दूसरी बार बेस्ट स्मार्ट विलेज का तमगा मिला. 


मदार और हुंदर गांव बने फिर बने 'स्मार्ट विलेज'


कुलपति डॉ कर्नाटक ने बताया कि सीएसआर योजनाओं के तहत नाबार्ड के सहयोग से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, मदार में 5 केवी क्षमता वाले 9 लाख रुपये की सोलर ट्री की स्थापना की गई. प्रतिदिन 15-20 यूनिट मिलने वाली बिजली का इस्तेमाल स्कूल, पनघट और स्ट्रीट लाइट में हो रहा है. 30 लाख रुपये के 25 किलो ग्राम क्षमता वाले ड्रोन से खेती हो रही है. स्कूल को सुविधायुक्त स्मार्ट बनाया गया है.


गांवों की 8 स्वयं सहायता समूह की 120 कृषक महिलाएं सदस्य सब्जी उत्पादन, सिलाई सहित कई कार्य करती हैं. विश्वविद्यालय के 130 वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने 42 बार भ्रमण कर प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया. इसके अलावा स्मार्ट खेती के लिए खास बीज, पशु सहित अन्य उपयोगी सुविधाएं दी गई हैं. बता दें कि गांवों को संवारने के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर कई योजनाओं का संचालन होता है.


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