Udaipur News: उदयपुर के मावली कस्बे में बनने वाले मदरसे के भूमि आवंटन को रद्द करने की मांग की गई है. दरअसल, उदयपुर कलेक्टर को मावली एसडीएम ने एक रिपोर्ट भेजी है, जिसके बाद उदयपुर जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग को पत्र लिखा है. 


मावली एसडीएम मनसुखराम द्वारा शनिवार को पेश की गई रिपोर्ट में भूमि पर पानी जमा होने, इसे जलग्रहण क्षेत्रों की बहाली के संबंध में अदालत के फैसले से जोड़ने सहित कई आधारों पर भूमि को रद्द करने की सिफारिश की गई. 


हिन्दू संगठनों ने उठाई आवंटन रद्द करने की मांग
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, साल 2022 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान उदयपुर कलेक्टर ने आदेश जारी कर मावली में मदरसा इस्लामिया गौसिया अंजुमन को जमीन आवंटित की थी. इसके बाद से ही हिंदू संगठनों ने आवंटन रद्द करने की मांग की थी.


पहले भी हो चुके हैं विवाद
एसडीएम की रिपोर्ट में भी जमीन को विवादास्पद बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई क्योंकि इस पर सांप्रदायिक विवाद हो चुके हैं. रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने सोमवार को राजस्व विभाग को पत्र लिखकर जमीन आवंटन रद्द करने की मांग की.


मदरसे की जमीन के पास हिन्दू परिवार
उदयपुर कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने बताया कि एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर राजस्व विभाग को पत्र लिखा गया था, जिसमें बताया गया है कि जमीन क्यों रद्द की जानी चाहिए. रिपोर्ट में एसडीएम ने बताया है कि इलाके में हिंदू परिवारों की आबादी अधिक है. एसडीएम ने यह भी कहा कि जमीन पर पानी जमा है और ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजर रही है.


एसडीएम ने ये रिपोर्ट कलेक्टर के निर्देश पर तैयार की है. वहीं, कलेक्टर ने आदेश इसलिए दिया क्योंकि उनके पास कई हिन्दू  संगठनों के जरिए कई ज्ञापन आए. 


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