Udaipur News: अब तक आपने देखा होगा कि बच्चे सिक्का, अंगूठी सहित अन्य छोटी वस्तुएं निगल जाते हैं. कुछ गले में अटकी रहती हैं तो कुछ पेट में पहुंच जाती हैं. लेकिन उदयपुर में एक ऐसा अनोखा केस सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति ने दातुन करते वक्त ब्रश ही निगल लिया जो पेट में पहुंच गया. अब सिक्के और अंगूठी तो मल द्वारा निकाली जा सकती हैं लेकिन ब्रश कैसे निकलेगा? यह दुनिया का 51वां ऐसा विचित्र केस आया है. उदयपुर के जीबीएच अमेरिका हॉस्पिटल के डॉक्टर ने व्यक्ति का ऑपरेशन कर ब्रश निकाला.
पेट में ऐसे पहुंचा ब्रश
हुआ यूं कि चित्तौड़गढ़ निवासी गोपालसिंह राव (53) सुबह दातुन कर रहे थे. उस दौरान गला और मुंह साफ करते समय अचानक उबाका आने के साथ ब्रश गले में चला गया. वह कुछ समझ पाते तब तक ब्रश पेट में था. हर तरह के प्रयास विफल रहने पर परिजन उन्हें नजदीक के हॉस्पीटल ले गए, लेकिन वहां भी टूथब्रश निकालना संभव नहीं हुआ. परिजन उन्हें जीबीएच अमेरिकन हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. यहां सीटी स्कैन कराया गया, जिसमें टूथब्रश पेट के उपरी हिस्से में अटका दिखाई दिया.
पेट से ऐसे निकाला गया ब्रश
सीटी स्कैन में देखने के बाद हॉस्पिटल के डॉक्टर ने गोपालसिंह के ऑपरेशन की तैयारी की और प्रोसीजर शुरू हुआ. बड़ी बात यह है कि बिना चीरा लगाए ऑपरेशन किया गया. हॉस्पिटल के बेरियाट्रिक एंड लेप्रोस्कॉपिक सर्जन डॉ. शशांक जे. त्रिवेदी ने एंडोस्कॉपिक प्रोसीजर से ब्रश निकालना तय किया. डॉ. शशांक त्रिवेदी ने एंडोस्कॉपिक प्रोसीजर के जरिए 12 सेंटीमीटर का टूथब्रश मुंह के रास्ते ही बाहर निकाला.
यह केस डब्ल्यूएचओ रिकॉर्ड्स में कराया जाएगा दर्ज
डॉ. शशांक जे. त्रिवेदी ने बताया कि टूथब्रश निगलने के अब तक सिर्फ पचास मामले विश्व स्तर पर रिपोर्ट हुए हैं. इससे पहले एम्स दिल्ली मे 2019 में एक केस रिपोर्ट हुआ था. टूथब्रश निगलने का अब तक का राजस्थान का यह पहला मामला है, जिसे बिना किसी चीरा लगाए निकाला गया. ऑपरेशन पूरा होने के बाद एंडोस्कॉपिक प्रोसीजर के जरिएआंतों तक की जांच की गई. कोई रुकावट या टूथब्रश के कारण दिक्कत सामने नहीं आई. एक दिन आईसीयू में रखकर गोपालसिंह को डिस्चार्ज कर दिया गया. अब यह केस सर्जरी के जर्नल में पब्लिशिंग के लिए और डब्ल्यूएचओ रिकॉर्ड में रजिस्टर करने के लिए भेजा जाएगा.