Rajasthan Nagar Nikay Chunav: राजस्थान में लोकसभा चुनाव के बाद अब नगर निकाय चुनाव की हलचल शुरू हो गई है. नवंबर में संभावित चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने अभी से जमीन तलाशना शुरू कर दिया है. उदयपुर नगर निगम में पिछले 6 बार से बीजेपी का दबदबा है.


इस बार नगर निगम के वार्डों में बड़ा बदलाव हो रहा है. जिला प्रशासन के निर्देशन में भेजे गये नगर निगम का प्रस्ताव सरकार ने मंजूर कर लिया है. नए सिरे से सीमांकन के बाद चुनाव कराया जायेगा. पिछले साल 70 वार्डों में चुनाव हुए थे. सीमांकन के बाद वार्डों की संख्या बढ़कर 100 हो जायेगी. जानिए सीमांकन से लोगों को क्या फायदा और राजनीतिक दृष्टि से कितना बदलाव होगा.


अभी नगर निगम में 70 वार्डों की आबादी करीब साढ़े 4 लाख है. 30 वार्ड में 1 लाख की आबादी और जुड़ेगी. सीमांकन के बाद करीब साढ़े पांच लाख आबादी हो जाएगी. उदयपुर शहर से जुड़े कई हिस्से पॉश कॉलोनियों में आते हैं लेकिन निगम के दायरे में नहीं आने के कारण विकास की रफ्तार धीमी है.


कई इलाकों में रोड और सिवरेज तक की सुविधा नहीं है. दायरा बढ़ने पर इलाकों में नगर निगम की तरफ से विकास कार्य का फायदा 1 लाख लोगों को होगा. कलेक्टर अरविंद पोसवाल कह चुके हैं कि नगर निगम में पॉश कॉलोनियां शामिल होने के बाद सफाई, सीवरेज की सुविधाएं लोगों को मिलेंगी.


सीमांकन के बाद राजनीतिक स्थिति क्या होगी?
राजनीतिक स्थिति के लिहाज से अभी 70 वार्डों में बीजेपी पार्षदों की संख्या 45 है. कांग्रेस के 20, माकपा और जनता सेना के एक एक और 3 निर्दलीय पार्षद हैं. वार्ड बढ़ेंगे और परिसीमन होगा. बीजेपी को जमीन तैयारी करनी होगी. जिताऊ चेहरे तलाशने होंगे. 30 साल से बीजेपी का राज खत्म करने की कोशिश कांग्रेस भी करेगी. ऐसे में बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा. हालांकि अभी शहर और ग्रामीण दोनों विधानसभा में बीजेपी विधायक हैं. विधायकों का फायदा बीजेपी को फायदा भी हो सकता है.


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