Udaipur News: कोरोना संक्रमण के बावजूद उदयपुर में पर्यटकों की आवक ने पिछले एक दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में 1.80 लाख पर्यटकों ने उदयपुर का भ्रमण किया. इंटरनेशनल फ्लाइट होने से विदेशी सैलानी सिर्फ 1613 आए, जबकि 2020 से पहले हर महीने 15-20 हजार विदेशी पर्यटक आते थे. यही नहीं नवंबर महीने में पर्यटकों की संख्या 1.60 लाख से एक दशक का रिकॉर्ड टूट गया. पर्यटकों की बड़ी संख्या से पर्यटन इंडस्ट्री को आर्थिक बूस्टर मिला है. इसके पीछे पर्यटन विभाग के अधिकारी चार कारण बता रहे हैं.
कोरोना काल में पर्यटकों की व्यवस्था- कोरोना काल में लॉकडाउन लगने पर देसी और विदेशी पर्यटक यहीं फंसे रह गए थे. उदयपुर में फंसे पर्यटकों को ट्रेन और हवाई जहाज के जरिए सरकार से बात कर घरों तक पहुंचाया. यही नहीं इंग्लैंड और अमेरिका के पयर्टकों ने तो उदयपुर में ही रहने की इच्छा जताई. अपने देश नहीं जाने की वजह से उदयपुर का विश्व पटल पर अच्छा मैसेज गया.
छवि- उदयपुर राजस्थान के सबसे शांत क्षेत्र जाना जाता है. यहां ना तो क्राइम होता है और ना पर्यटकों के साथ कोई अनहोनी घटनाएं. लोगों का हेल्पिंग नेचर होने से पर्यटकों के नजदीक उदयपुर की छवि बनी.
मार्केटिंग- पर्यटन विभाग ने देश के अलग-अलग हिस्सों से ब्लॉगर को बुलाया था और उदयपुर को मानसून सिटी के तौर पर प्रोमोट करवाया. ब्लॉगर ने शहर के कई हिस्सों की आकर्षक शूटिंग कर ब्लॉग पर डाला. साथ ही न्यूज़ के माध्यम से भी मार्केटिंग को प्रमोट किया गया.
रैंकिंग- सभी प्रयासों की वजह से उदयपुर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करीब 7 अवॉर्ड मिला. पर्यटकों के आने का ये भी बड़ा कारण रहा. इसके अलावा झीलों की खूबसूरती और नए एडवेंचर आकर्षण का केंद्र बने.
साल दर साल देशी पर्यटकों का आंकड़ा
साल 2011 में 69165, 2012 में 70958, 2013 में 93501, 2014 में 98285, 2015 में 102822, 2016 में 105455, 2017 में 117777, 2018 में 132420, 2019 में 142680, 2020 में 60285 और 2021 में 180000 देसी पर्यटक आए.
पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने एबीपी न्यूज को बताया कि वैसे तो उदयपुर अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है जिससे पर्यटक खुद खींचे चले आते हैं. लेकिन भारी संख्या में आने के पीछे कई फैक्टर काम करते हैं. इनमें मुख्य चार कारण हैं. पूरी कोशिश रहेगी कि उदयपुर को और ऊंचे मुकाम पर पहुंचा जाए.
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