Udaipur News: राजस्थान सरकार भले ही प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर से बेहतर बनाने के दावे कर रही हो लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि राजस्थान के स्कूली बच्चे सरकार का एक वादा पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं. सरकार ने 1-8 कक्षा के बच्चों को दो स्कूल यूनिफॉर्म देने का वादा किया था, लेकिन आधा सेशन गुजर चुका है और अब तक ये वादा पूरा नहीं हो पाया है. जितना बजट दिया गया उसमें कपड़ा आ रहा है लेकिन कम रुपए में कौन यूनिफॉर्म को सील सकता है ऐसे सस्ते टेलर की तलाश की जा रही है. यहीं नहीं शिक्षक भी इसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि इसकी जिम्मेदारी शिक्षकों को सौपी गई है. ऐसे में कई छात्र अभी भी बिना यूनिफॉर्म के स्कूल जा रहे हैं.


70 लाख छात्र वंचित
रिपोर्ट्स की मानें तो 64479 प्राथमिक और उच्च प्राथिमक स्कूल हैं, जिनमें करीब 70 लाख बच्चे हैं. दो यूनिफार्म का बजट 600 रुपये है जिसके लिए समग्र शिक्षा अभियान ने एक कंपनी से बात की. इसमें 540 रुपये में दो ड्रेस का कपड़ा खरीद तय किया, लेकिन इससे अब सिलाई का काम अटक गया. अब बचे हुए 60 रुपये में कौनसा टेलर दो यूनिफॉर्म सिलकर देगा. 


क्या कहते हैं शिक्षक संघ
शिक्षक एवं पंचायती राज संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने बताया कि पहले ही बजट कम हैं और यह काम शिक्षक के जिम्मे डाल दिया है. कम बजट के कारण भामाशाहों का सहारा लेना पड़ेगा. सरकार को सिलाई और कपड़े की राशि सीधे अभिभावकों के खाते में डाल देनी चाहिए. इतनी कम राशि में स्कूल प्रबंध समिति से व्यवस्था करना संभव नहीं है. जिला शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र यादव ने बताया कि मुख्यालय से छात्रों की सूचना मांगी थी जिसे भेज दी गई थी. मुख्यालय स्तर पर इसकी जल्द व्यवस्था की जा रही है.


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