Udaipur : राजस्थान के उदयपुर में एसीबी (Anti- Corruption Bureau) दो दिन पहले 12 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए एक दलाल को गिरफ्तार किया था, जिसमें यूडीएच(UDH) के सचिव और संयुक्त सचिव के साथ मंत्री का नाम सामने आया था. ये मामला उदयपुर के गोवर्धनविलास थाने का है. उदयपुर के इस कार्रवाई के तीसरे ही दिन गुरुवार रात को एसीबी उदयपुर ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. इसमें एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने एक पुलिस अधिकारी और एक दलाल को गिरफ्तार किया है. इन पर आरोप है कि एक मुकदमे के आरोपी पिता-पुत्र से एफआईआर (FIR) पर फाइनल रिपोर्ट(FR) के लिए 1 लाख रुपये की डिमांड रखी थी. पुलिस ने ट्रेप कार्रवाई आयोजित कर पुलिस अधिकारी और दलाल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
रंगे हाथों हुए गिरफ्तार
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(ACB) के अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी (अतिरिक्त चार्ज महानिदेशक) ने बताया कि एसीबी(Anti- Corruption Bureau) की स्पेशल यूनिट इकाई, उदयपुर को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि उसके भाई और पिता के विरूद्ध दर्ज प्रकरण में एफआर(Final Report) लगाने के लिए 1 लाख रुपये रिश्वत मांगी गई है. शहर के गोवर्धनविलास थाने के एएसआई मनोहर लाल मीणा (ASI Manohar Lal Mina) इस मामले के अनुसंधान अधिकारी थे. एएसआई मनोहर और उसके दलाल शिवलाल (प्राईवेट व्यक्ति) के माध्यम से 1 लाख रुपये रिश्वत मांगकर परेशान किया जा रहा है. काफी मिन्नतों के बाद आरोपी सहायक उपनिरीक्षक 50 हजार रुपये रिश्वत राशि पर सहमत हुआ था.
एसीबी(ACB) की स्पेशल यूनिट इकाई उदयपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश ओझा के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया गया. फिर पुलिस निरीक्षक आदर्श कुमार परिहार द्वारा टीम के ट्रेप कार्रवाई करते हुए मनोहर लाल मीणा (पुत्र स्व. मगन लाल निवासी रायणा फला, ऋषभदेव, उदयपुर) और दलाल शिवलाल (पुत्र कन्हैयालाल निवासी खाराकुई बलीचा, उदयपुर) को परिवादी से 35 हजार रुपये की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया.
ये भी पढ़ें - Rajasthan News: उदयपुर के विश्व प्रसिद्ध विष्णु मंदिर की हालत जर्जर, मंदिर के पंडितों ने देवस्थान विभाग के खिलाफ किया विरोध