Udaipur News: राजस्थान के निवासियों के लिए खुशखबर है, क्योंकि अब सामान्य प्रकार की सभी दवाइयां और जांचें सरकारी अस्पतालों में निशुल्क होने जा रही हैं. ऐसा करने वाला राजस्थान एक बार फिर देश का पहला राज्य बन रहा है. साल 2011 में जब नि:शुल्क दवाओं की शुरुआत की थी तब भी राजस्थान पहला राज्य था और जब सभी प्रकार की दवाइयों और जांचें फ्री करने में भी पहला राज्य होगा. वहीं अब मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना का भी नाम बदलने वाला है. अब यह 'मुख्यमंत्री नि:शुल्क निरोगी राजस्थान योजना' के नाम से जानी जाएगी. खास बात यह है कि दोनों ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में ही हुए हैं.
5 गुना बढ़ा दवाओं का दायरा
मुख्यमंत्री नि:शुल्क निरोगी राजस्थान योजना के तहत फ्री मिलने वाली दवाएं, जांचें और सर्जिकल आइटम्स 986 की जगह 5100 होने जा रहे हैं. यानी इसका दायरा सीधे पांच गुना बढ़ाकर सौ फीसदी आबादी को कवर करने का लक्ष्य है. गांव में 10 बेड और शहरों में 30 बेड के अलावा उससे बड़े सभी सरकारी अस्पतालों में नई योजना के तहत बिना चिरंजीवी कार्ड और बीमा के फ्री इलाज मिलेगा. नई योजना के तहत पर्ची पर लिखी कोई भी दवा मरीजों को अस्पताल के बाहर से नहीं लानी होगी. बाजार में उपलब्ध हर सामान्य दवा और जांचें इस योजना में कवर होंगी.
बजट में भी होगी बढ़ोतरी
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दवाओं का दायरा बढ़ाने पर बजट में भी बड़ी मात्रा में बढ़ोतरी होगी. प्रदेश में 2011 से नि:शुल्क दवा योजना शुरू की गई थी, तब 96 दवाइयों के साथ 2015 तक इसका सालाना बजट 311 करोड़ रुपये था. इसके बाद निशुल्क दवाइयों का दायरा 374, 591 और फिर 712 तक किया गया. अभी फ्री दवाएं 986 हैं. अब नया सालाना फ्री हेल्थ स्कीम का बजट 3100 करोड़ रुपये होगा.
'हर नागरिक को फ्री इलाज दिलाना मकसद'
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ पृथ्वीराज ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हमारा उद्देश्य है कि राजस्थान के हर व्यक्ति को 100 प्रतिशत फ्री दवा और जांच योजना का लाभ मिले. किसी के पास कोई कार्ड नहीं है, फिर भी वह कितना ही इलाज फ्री ले सकता है. इसलिए ही नई निरोगी योजना लाए हैं और दवा-जांचें बढ़ा दी हैं. अब पर्ची से बाहर से कोई दवा नहीं मंगवा सकेंगे. बाजार से मंगवाई जाने वाली हर दवा इस योजना में कवर की जाएगी.
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