Udaipur News: राजस्थान के उदयपुर के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी कुलपति को राज्यपाल ने निलंबित किया हो. राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को आदेश जारी कर राजकार्य में लापरवाही बरतने पर प्रोफेसर अमेरिका सिंह को कुलपति के पद से निलंबित कर दिया है. यह भी खास बात है कि अमेरिका सिंह लंबे समय से सुर्खियों में रहे हैं. सुर्खियां शैक्षिण हो या राजनीतिक दोनों में विवादों से इनका नाम जुड़ा रहा. अब लखनऊ के रहने वाले अमेरिका सिंह को निलंबित कर दिया है.
यह जारी किया आदेश
अमेरिका सिंह, कुलपति मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर को राजभवन के आदेश पर 20 जुलाई 2020 को कार्यभार संभालने की डेट से तीन वर्ष या सत्तर वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने तक, इनमें से जो भी पहले हो के लिए मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया था. राजकार्य में लापरवाही बरतने पर राज्य सरकार द्वारा प्रो. अमेरिका सिंह को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने और उनके खिलाफ धारा 11क के तहत नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारम्भ करने की अनुशंषा की गई है.
विवादों से घिरे रहे कुलपति अमेरिका
प्रोफेसर अमेरिका सिंह लगातार विवादों से घिरे रहे हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि निलंबन के पीछे सीकर स्थित गुरुकुल यूनिवर्सिटी की सर्वे रिपोर्ट है. दरअसल अमेरिका सिंह की कमेटी ने सीकर की एक गुरुकुल यूनिवर्सिटी का सर्वे किया था जिसमें बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर बताया और इसकी वीडियोग्राफी कर राज्य सरकार को प्रेषित की. विवाद उठने पर राज्य सरकार ने इसकी जांच कराई तो जो रिपोर्ट में बताया गया था वह वहां पर कुछ नहीं मिला.
इसके बाद राज्य सरकार ने कुलपति को निलंबित करने के लिए राज्यपाल को अनुशंसा की थी. यही नहीं राजनीतिक विवाद में भी कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह घिरे रहे. मोहनलाल सुखाड़िया की चंपा बाग नामक एक जमीन है. जिस जमीन के कब्जे को लेकर बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाए थे. इस पर विधानसभा नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के साथ बयानों का विवाद हुआ था.
बीजेपी ने किया था कुलपति के खिलाफ प्रदर्शन
गुलाबचंद कटारिया ने भी विधानसभा में अमेरिका सिंह के कुलपति बनने की योग्यता का सवाल उठाया था. यही नहीं मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार छोगाराम देवासी से भी अमेरिका सिंह की खुलकर नोकझोंक सामने आई थी. साथ ही अमेरिका से लंबे समय से छुट्टियों पर चल रहे हैं. बीजेपी ने अमेरिका सिंह के खिलाफ एक महीने तक लगातार प्रदर्शन किया था.
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