Udaipur News: किसानों को खेत की मिट्टी के बारे में पूरी जानकारी मोबाइल पर मिल जाएगी. उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्याोगिकी विश्वविद्यालय (Maharana Pratap University of Agriculture and Technology) ने सेंसर बेस्ड तकनीक विकसित की है. तकनीक के जरिए किसानों को पता चल जाएगा कि फसल में खाद, पानी या रसायन का छिड़काव कब करना है. विश्वविद्यालय के फार्म में लगी तकनीक का आउटपुट काफी सटीक आ रहा है.


तकनीक विकसित करने में आई 1.50 लाख की लागत


तकनीक की मदद से मिट्टी में मौजूद उर्वरक, नाइट्रोजन, पोटैशियम और पानी की सटीक जानकारी प्रति घंटे मिलेगी. इससे किसानों को फसल में किस समय क्या करना है, इसकी जानकारी मोबाइल पर मिल जाएगी. इस तकनीक को विकसित करने का काम विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रॉनिक विभाग के प्रभारी डॉ सुनील जोशी ने किया है. उन्होंने बताया कि इस तकनीक को बनाने में करीब 1.50 लाख रुपए की लागत आई है. उन्होंने दावा किया कि अगर इसका बड़े स्तर पर उत्पादन हो और सरकार से सब्सिडी मिल जाए तो किसानों को काफी कम लागत पड़ेगी.


बेमौसम बारिश होने पर सेंसर बताएगा मिट्टी की जरूरत


बेमौसम बारिश होने पर सेंसर बता देगा कि मिट्टी को अब किस तत्व की जरूरत है. सेंसर से मौसम का पूर्वानुमान भी पता चल जाएगा. उन्होंने बताया कि एक हेक्टेयर एरिया के खेत में सेंसर को लोहे के पोल पर लगाते हैं. उन्होंने कहा कि अब तक देखने में आया है कि किसानों को फसल के बारे में तकनीकी जानकारी नहीं रहती है. ज्यादा खाद, पानी और रसायन देने पर फसल का उत्पादन अच्छा होने की बजाय खराब हो जाता है, लेकिन इस तकनीक का उपयोग करने से अब ऐसा नहीं होगा.


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