Udaipur News: राजस्थान (Rajasthan) में गर्मी का कहर जारी है. इस भीषण गर्मी में अपने शहर तो क्या घर से भी बाहर निकलने की लोगों की इच्छा नहीं होती है. इसके बावजूद चौंकाने वाली बात यह है कि अप्रैल में औसत से ज्यादा गर्मी होने के बीच राज्य के उदयपुर (Udaipur) में पर्यटकों के आने का पिछले 11 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. अप्रैल महीने में ही 84 हजार से ज्यादा पर्यटक आए हैं. बड़ी बात यह है कि प्रसाशन ने इस बार समर टूरिज्म का कॉन्सेप्ट शुरू किया था और इसके लिए मीडिया प्रमोशन किया था, जिसमें सफलता मिल गई है.

 

हम यहां बात कर रहे हैं झीलों की नगरी उदयपुर की, जिसकी सुंदरता को निहारने के लिए विश्व के कोने-कोने से पर्यटक आते हैं, लेकिन गर्मियों में अमूमन ऑफ सीजन रहने से पर्यटन इंडस्ट्री मंद पड़ जाती है. इस साल अप्रैल में उदयपुर में रिकॉर्ड 84 हजार से ज्यादा घरेलू पर्यटक पहुंचे हैं. इससे पहले 2018 और 2019 को छोड़कर अप्रैल में कभी भी 51 हजार से ज्यादा पर्यटक नहीं पहुंचे थे. 2018 में 50 हजार और 2019 में 51,605 पर्यटकों का आना अपने आप में रिकॉर्ड था. इसके अलावा कभी 35 हजार तो कभी 40 हजार पर्यटक ही उदयपुर पहुंचे थे.



 

मार्च में भी रिकॉर्ड 1.13 लाख पर्यटक पहुंचे थे

 

आपको बता दे कि उदयपुर को विंटर डेस्टिनेशन के नाम से जाना जाता है, जहां सितंबर से जनवरी तक औसत 1 लाख से ज्यादा पर्यटक हर महीने आते हैं. फरवरी और मार्च में यह आंकड़ा कुछ कम हो जाता है, लेकिन इस बार 11 साल बाद मार्च में भी रिकॉर्ड 1.13 लाख, फरवरी में 77 हजार 300 और जनवरी में 71, 250 देसी पर्यटक आए थे. जनवरी में कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक से संख्या कुछ कम रही. इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि कोरोना की पाबंदियां हटने के साथ अप्रैल में गणगौर मेवाड़ फेस्टिवल समेत कई बड़े आयोजन हुए थे.

 


 

उदयपुर बनती जा रही है पर्यटकों की पहली पसंद 

 

साथ ही उदयपुर में कोरोना की तीसरी लहर कमजोर रही है, इसलिए भी पर्यटक इसे सुरक्षित मान रहे हैं. साथ ही अप्रैल में डेस्टिनेशन वेडिंग भी काफी हुई, जिससे भी बड़ी संख्या में पर्यटक आए हैं. पर्यटन विभाग के उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि देसी हो या विदेशी, दोनों ही पर्यटकों की पहली पसंद उदयपुर बनती जा रही है. इसके पीछे यहां की खूबसूरती तो पहला कारण है ही इसके साथ ही पर्यटकों को किसी चीज की परेशानी नहीं आती है. न यहां पर किसी के साथ कोई घटना होती है और न पर्यटक किसी की शिकायतें करते हैं. मेवाड़ है यह और यहां अतिथि देवो भव: माना जाता है.

 

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