Muslim Organizations Reactions on Udaipur Murder Case: उदयपुर में कन्हैया की हत्या को लेकर मुस्लिम संगठनों में भारी गुस्सा है. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने हत्या की निंदा की है और तालिबानी मानसिकता रखने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है. फिलहाल मुस्लिम संगठनों ने लोगों से शांति की अपील की है और सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है. इस मामले पर ऑल इंडिय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद और असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कुछ कहा आइए जानते हैं.
मौलाना फिरंगी महली ने भी की निंदा
उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के मामले की इस्लामिक धर्मगुरू मौलाना राशिद फिरंगी महली ने भी कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि इस तरह की वारदात करने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि पैगंबर मोहम्मद ने भी कहा है कि समाज में सभी के साथ प्रेम के साथ एक अच्छे माहौल में रहना चाहिए. किसी भी इंसान पर जुल्म नहीं करना चाहिए. पैगंबर मोहम्मद ने तो अपने बड़े दुश्मनों को माफ कर दिया था. उनकी बात मानते हुए हमारी सभी से अपील है कि मुल्क में अमन और शांति बनाए रखें.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद
उदयपुर हत्या मामले में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने भी नाराजगी जाहिर की है. जमीयत के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने कहा, "जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया उसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता, यह देश के कानून और हमारे धर्म के खिलाफ है." उन्होंने कहा, "हमारे देश में कानून की व्यवस्था है, किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. इसके साथ ही मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने देश के सभी नागरिकों से अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने और देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाने की अपील की."
ऑल इंडिय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
उदयपुर की घटना पर ऑल इंडिय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से कहा गया, "कानून को अपने हाथ में लेना और किसी व्यक्ति को स्वयं अपराधी घोषित करके हत्या कर देना निन्दनीय कृत्य है, न कानून इसकी अनुमति देता है और न इस्लामी शरीयत इसको जायज ठहराती है, इसलिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उदयपुर (राजस्थान) में घटित होने वाली घटना की कड़ी निन्दा करता है, बोर्ड इस मामले में शुरू से एक ओर मुसलमानों से अपील करता रहा है कि वे धैर्य से काम लें और कानूनी मार्ग अपनाएं."
अजमेर दरगाह दीवान जैनुल आबेदीन अली खान
वहीं अजमेर दरगाह दीवान जैनुल आबेदीन अली खान ने उदयपुर की घटना की निंदा करते हुए कहा "भारत के मुसलमान देश में कभी भी तालिबानी मानसिकता को स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने आगे कहा, "कोई भी धर्म मानवता के खिलाफ हिंसा को बढावा नहीं देता है. विशेष रूप से इस्लाम धर्म में सभी शिक्षाएं शांति के स्त्रोत के रूप में कार्य करती हैं." खान ने कहा कि आरोपी कुछ कट्टरपंथी समूहों का हिस्सा थे जो हिंसा के रास्ते से ही समाधन ढूंढते हैं.
मौलाना तौकीर रजा
वहीं उदयपुर की इस घटना की आइएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने भी कड़ी निंदा की है. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस्तीफे की मांग भी की है. उन्होंने कहा कि यह एक जघन्य अपराध है और इसके लिए आरोपियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए. तौकीर रजा ने कहा, "उदयपुर में हुई घटना के लिए मुझे बेहद तकलीफ है. मैं दिल से पूरे हिन्दू समाज और हिंदुस्तान से माफी मांगता हूं कि मेरे समाज के लोगों ने ये जुर्म किया है. मैं समझता हूं कि इसके लिए मैं जिम्मेदार हूं और मुझे सजा मिलनी चाहिए. जब मैं गौ हत्या के लिए रोकता हूं तो इंसान की हत्या कैसे की जा सकती है."
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी
इस घटना की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी निंदा की है. उन्होंने कहा, ''उदयपर में हुई क्रूर हत्या निंदनीय है. ऐसी हत्या को कोई डिफ़ेंड नहीं कर सकता. हमारी पार्टी का मुसलसल स्टैंड यही है के किसी को भी क़ानून को अपने हाथों में लेने का हक़ नहीं है. हमने हमेशा हिंसा का विरोध किया है.'' असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि उदयपुर की घटना राजस्थान की पुलिस की नाकामी है. कन्हैया लाल की हत्या को रोका जा सकता था, वो पहले से इसकी शिकायत कर रहे थे. ये क्रूर हत्या है हम उसका विरोध करते हैं. जो वीडियो बनाए गए इससे साफ है कि कट्टरता कैसे बढ़ रही है देश में. नूपुर शर्मा को गिरफ्तार किया जाए कोर्ट की धाराओं की तहत सजा मिले.
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