Udaipur News: झीलों की नगरी उदयपुर कई लिहाज से मशहूर है. खूबसूरती के अलावा धार्मिक त्योहारों में भी उदयपुर प्रसिद्ध है. शनिवार को भींडर कस्बे में आराध्यदेव नृसिंह भगवान की चतुर्दशी मनाई गई. चतुर्दशी के मौके पर निकली रथयात्रा में चांदी के रथ में भगवान विराजमान हुए और बंदूकों से सलामी दी गई. भक्तों ने जयकारों के साथ रात रथयात्रा निकाली. रथयात्रा में तोपों की सलामी भी दी गई. चांदी के शेषनाग की सिंहासन में विराजित होकर नृसिंह भगवान नगर भ्रमण पर निकले.


भगवान की 108 दीपकों से महाआरती


शनिवार सुबह 10 बजे सनातन धर्म उत्सव सेवा समिति ने पंडित ठाकुर जी का महारुद्राभिषेक पाठ किया. शाम को 4:30 बजे विराट रथयात्रा निकाली गई और तोप की सलामी के साथ शाही लवाजमे में नृसिंह भगवान को नगर भ्रमण कराया. हिरण्यकश्यप के नाट्य का मंचन हुआ और शाम को करीब 7 बजे खंब फाड़कर भगवान नृसिंह भगवान प्रकट हुए. फिर से रथयात्रा निज धाम में पहुंची. भगवान की 108 दीपकों से महाआरती हुई. रथयात्रा में सबसे आगे घोड़े चल रहे थे.


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उजैन की तर्ज पर झांकी सजाई गई


चौबीसा समाजजन व युवा नृसिंह भगवान के भजनों पर थिरकते हुए चले. महाकाल भक्त मंडल की तोप से फूलों की वर्षो की जा रही थी, जिससे माहौल पुप्षमय हो गया. नगर की सड़कें पुष्पों से भर गईं. शेषनाग की सिंहासन में नृसिंह भगवान विराजित थे. रथ यात्रा में पुरुष पारंपरिक वेशभूषा सफेद वस्त्र, सिर पर पगड़ी सजाए हुए थे. महिलाएं केसरिया साड़ी में सज-धज कर चलीं. युवतियां थिरकती रथयात्रा में चल रही थीं.  महाकाल मंडल के जरिए उजैन की तर्ज पर झांकी सजाई गई.


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