Udaipur News: नववर्ष को व्यक्ति, समाज, संगठन और संस्थाएं अलग-अलग रूप में मनाते हैं. कोई लेट नाईट पार्टी करता है तो कोई दान देकर साल की शुरुआत करता है. इसी तरह उदयपुर की फतहसागर झील के पास विराजे नीलकंठ महादेव मंदिर में भक्त अलग ही अंदाज में नववर्ष मना रहे हैं. भक्तों ने पूरे मंदिर का बर्फीला श्रृंगार किया. अंदर जाते ही अहसास होगा कि देश नहीं किसी बर्फीली जगह पर महादेव के मंदिर में खड़े हुए हैं.  श्रृंगार के लिए भक्तों ने प्राकृतिक और आर्टिफिशियल फूलों का इस्तेमाल किया. मंदिर का श्रृंगार करने के लिए फूलों को पोलैंड और जापान से मंगवाया.


विंटर वंडर लैंड की थीम पर मंदिर का श्रृंगार


पहले ही दिन सोमवार को 1000 से ज्यादा दर्शनार्थी मंदिर में पहुंचे. श्रृंगार कार्यक्रम के संयोजक लव श्रीमाली ने एबीपी न्यूज को बताया कि हर साल जनवरी के पहले सोमवार से सात दिन का आयोजन रखा जाता है. मकसद होता है रात की पार्टियों से नववर्ष की शुरुआत ना कर सनातन धर्म से शुरुआत करना. अलग-अलग कार्यक्रमों से लोगों का धर्म के प्रति जुड़ाव बढ़े. इसी क्रम में विंटर वंडर लैंड की थीम पर मंदिर का श्रृंगार किया गया है. मंदिर को बर्फ के स्नोमैन, चेरी लोसम के पेड़ों की तरह सजाया है. इससे दर्शनार्थियों को विदेशी वातावरण और बर्फीली वादियों का आभास हो रहा है. उन्होंने बताया कि जनवरी 2021 के पहले सोमवार को मंदिर की सज्जा जंगल और जड़ीबूटी से किया गया था. मैसेज देना था एकांत में घर पर रहते हुए स्वास्थ्यवर्धक वस्तुओं का सेवन करना. लव श्रीमाली ने कहा कि आर्टिफिशियल फूल स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो गए थे लेकिन बर्फीले क्षेत्रों में उगने वाले फूलों को जापान और पोलैंड से बेंगलुरु होते हुए उदयपुर मंगवाया गया. इन फूलों की खासियत है जल्दी नहीं मुरझाते.


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