Udaipur News: राजस्थान में फ्री इलाज मिलने के बाद भी गुजरात का रुख कर रहे मरीज, CM गहलोत ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश
विभाग के सर्वे के मुताबिक डूंगरपुर सीमा में करीब 100 से अधिक गांव हैं, जहां 2 लाख से ज्यादा लोग हैं. इनमें से करीब 70 प्रतिशत लोग इलाज कराने के लिए गुजरात जा रहे हैं.
Udaipur News: राजस्थान में सरकार की तरफ से चिकित्सा क्षेत्र में इलाज हो या जांच, या फिर दवाइयां सभी फ्री की हुई हैं. इस चिकित्सा सुविधा का लाभ उठाने के लिए मध्य प्रदेश तक के मरीज यहां आ रहे हैं. लेकिन इस बीच एक चौंकाने वाली बात सामने आई है कि राजस्थान में चिकित्सा फ्री होने के बावजूद बॉर्डर क्षेत्र के सैकड़ों लोग गुजरात में अपना इलाज कराने जा रहे हैं और बड़ी रकम भी दे रहे हैं. यह बात सामने आने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बॉर्डर क्षेत्र के चिकित्सा अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए कि इन्हें रोको और यहीं पर बेहतर सुविधा उपलब्ध कराओ. यह बात सीएम गहलोत ने चिकित्सा विभाग की हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कही.
डूंगरपुर से ज्यादा जाते हैं गुजरात
राज्य सरकार की ओर से चिकित्सा क्षेत्र में कई सुविधाएं उपलब्ध कराने के बाद भी डूंगरपुर जिले में गुजरात से सटे क्षेत्रों में रहने वाले 80 फीसदी लोग इलाज के लिए हिम्मतनगर, मोडासा व अहमदाबाद जाते हैं. इस स्थिति को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गंभीर माना है. सीएम गहलोत ने मरीजों को जिले में ही सुविधाएं उपलब्ध करा कर गुजरात जाने से रोकने के लिए कहा. इसके बाद चिकित्सा विभाग सक्रिय हो गया है. इसके लिए एक माइक्रो प्लान तैयार किया गया है, जिसके तहत डूंगरपुर सीमा के गुजरात बॉर्डर से सटे गांवों की सीएचसी, पीएचसी को स्टाफ व चिकित्सकीय सुविधाओं को मजबूत करने के साथ ही गांव-गांव जाकर लोगों को मुख्यमंत्री फ्री स्वास्थ्य योजना और चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना से जागरूक करेंगे.
100 से ज्यादा गांव के लोग जा रहे गुजरात
विभाग के सर्वे के मुताबिक डूंगरपुर सीमा में करीब 100 से अधिक गांव हैं, जहां 2 लाख से ज्यादा लोग हैं. इनमें से करीब 70 प्रतिशत लोग इलाज कराने के लिए गुजरात जा रहे हैं. क्योंकि इन गांव से गुजरात के हॉस्पिटल की दूरी कम है. इसलिए गुजरात जाते हैं, अब इनके गांवों के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत किया जाएगा. हालांकि डूंगरपुर में पहले से चिकित्सा सेवा बेहतर हुई है. इस पर सीएमएचओ डॉ. कांतिलाल पलात ने कहा कि माइक्रो प्लान तैयार किया.
आंगनबाड़ी केंद्रों पर दर्ज होने वाली गर्भवती महिलाओं की डीलेवरी हमारे ही चिकित्सा संस्थानों पर हो, इसके लिए आशा और एएनएम को भी पाबंद करेंगे. वो इनकी सतत निगरानी करें और इन्हें डिलेवरी के लिए अपने ही चिकित्सा संस्थानों पर लेकर आएं.
ये भी पढ़ें
Udaipur News: पिछले 5 महीने में CM अशोक गहलोत का 8वां दौरा, जानें- क्यों अहम है मेवाड़