Udaipur Tourist Places: झीलों की नगरी उदयपुर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग और वन विभाग ने मिलकर योजना तैयार की है, जिसमें ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए तैयारियां चल रही हैं. बड़ी बात यह हैं कि इस बार पर्यटन विभाग ने ऐसे पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए योजना बनाई है जो अब तक पर्यटकों के लिए अनसीन थे.
ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार
विभाग वहां 2 करोड़ रुपए खर्च कर कैम्पिंग साइट, इको ट्रेल और एडवेंचर एक्टिविटी, वॉच टॉवर तैयार करेगा. खास बात यह भी है कि यह सब स्थल ग्रामीण क्षेत्र में है, जहां विकास होने के बाद ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा. इस योजना में धार्मिक स्थल भी है जहां पर प्राकृतिक जलाशय के साथ ही हरीभरी पहाड़ियां है.
दो करोड़ रुपये होंगे खर्च
अधिकारियों का कहना है कि सरकार से बजट मिलते ही इन पर्यटन स्थलों पर काम शुरू कर दिए जाएंगे. इस योजना में कुल 2 करोड़ रुपए खर्च में होंगे. इसमें पहले साल में 50 लाख रुपए खर्च होंगे. इससे उदयपुर आने वाले पर्यटक जिले के इन अनदेखे स्थलों का लुत्फ उठा सकेंगे. इससे स्थानीय पर्यटन स्थलों की मार्केटिंग होने के साथ ही लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
इन स्थलों को शामिल किया
योजना में कमलनाथ मंदिर, रामकुंडा मंदिर, राणा पूंजा की नाल और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी फुलवारी की नाल शामिल है. वन विभाग ने फूलवारी की नाल में विकास कार्यों में 33.29 लाख रुपए, कमलनाथ मंदिर इको टूरिज्म साइट पर 6.75 लाख रुपए और रामकुंडा मंदिर इको टूरिज्म साइट पर 9.50 लाख रुपए की लागत के प्रस्ताव बनाकर पर्यटन विभाग को दिया है.
ग्रामीण पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यह योजना तैयार की है. इससे वहां जाने वाले पर्यटक उदयपुर की खूबसूरती के साथ ही ग्रामीण परिवेश को भी देख पाएंगे. अभी यह सब पर्यटन स्थल पर्यटकों की पहुंच से दूर है. वहां सिर्फ बारिश के समय स्थानीय ही जाते हैं.
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