Nautapa 2022: नौतपा 25 मई से शुरू होने वाला है. नौतपा को नवतपा (Navatapa) भी कहा जाता है. हर साल मई महीने के दूसरे सप्ताह से अंतिम सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी कम हो जाती है, जिसके कारण धूप और गर्मी तेज हो जाती है. इस दौरान 9 दिनों तक तीखी धूप होती है, जिसे नौतपा कहा जाता है. इससे गर्मी से होने वाली बीमारियां बढ़ जाती हैं. नौतपा के दौरान खान-पान और रहन-सहन में विशेष ध्यान रखना पड़ता है, ताकि बीमारी से बचा जा सके. इस मौके पर राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर (Udaipur) के राजकीय आदर्श आयुर्वेद औषधालय के वैद्य डॉ. शोभालाल औदिच्य ने नौतपा में स्वस्थ रहने के नुस्खे बताए हैं.


उन्होंने बताया कि गर्मियों के मौसम में आने वाले सभी फलों का सेवन करना चाहिए. इन फलों में पानी की मात्रा ज्यादा होने की वजह से शरीर में  इसकी और खनिज-लवण की कमी नहीं होती है, जिससे शरीर हाइड्रेट रहता है. इस मौसम में तरबूज, खरबूज, लीची, आलूबुखारा, बेलन, ककड़ी का सेवन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भोजन सुपाच्य और सामान्य होना चाहिए. जैसे- रोटी, सब्जी, दाल, चावल. इस समय में तली हुई खाद्य सामग्री का सेवन नहीं करना चाहिए. पेट का हाजमा ठीक रखने के लिए गर्मी के दिनों में मसालेदार भोजन से बचना चाहिए. बाजार में मिलने वाले फास्ट फूड और जंक फूड का भी सेवन नहीं करना चाहिए.


नौतपा में करें इतने लीटर पानी का सेवन


डॉ. शोभालाल औदिच्य ने कहा कि भीषण गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी होना स्वाभाविक है. इसलिए दिन में कम से कम 4 से 5 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए. इस समय लिक्विड के रूप में नारियल पानी, लस्सी, फलों के रस का सेवन शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है. वहीं भारतीय परंपरा में अब चाय-कॉफी का प्रयोग मेहमानों की आवभगत में और सामान्य रूप से किया जाता है, लेकिन नौतपा के समय इसका प्रयोग जितना कम से कम करना चाहिए, क्योंकि कैफीन और दूसरे पदार्थों में गर्मी को बढ़ाने वाले तत्व होते हैं.


नौतपा में होने वाले संभावित रोग और बचाव


उन्होंने बताया कि नौतपा में असावधानी बरतने पर सनस्ट्रोक, लू लगना, डायरिया, उल्टी, नकसीर, कंजेक्टिवाइटिस, डिहाइड्रेशन, टाइफाइड, पीलिया आदि रोग होने की संभावना रहती है. लू लगना सामान्य बात है. गर्मी के मौसम में विशेषकर नौतपा में तेज गर्मी के कारण लू लग सकती है. इससे बचने के लिए घर से निकलते समय कुछ खाकर निकलें. जल का सेवन करते रहें. सत्तू घोल कर पी सकते हैं. बेल के शरबत, लस्सी, छाछ का प्रयोग करें. एयर कंडीशनर का प्रयोग करने के बाद एकदम गर्मी में न निकलें.


नौतपा में रखें यह दिनचर्या


डॉ. शोभालाल औदिच्य के अनुसार सुबह ब्रह्म मुहूर्त 4 से 6 बजे से पहले बिस्तर छोड़ दें. सुबह उठकर बिना ब्रश किए जल का सेवन करें. नित्य कर्म और पूजा करने के बाद जौ और छाछ से बनी रबड़ी का सेवन करना चाहिए. 9 से 12 के बीच में भोजन कर लेना चाहिए, जो हल्का सुपाच्य हो, जिसमें हरी सब्जियां, कम मिर्च-मसाले के साथ में बनी हो. दोपहर के समय नारियल पानी, फलों का रस, गन्ने का रस, स्ट्रॉबेरी, लीची, ककड़ी और अधिक पानी का सेवन करना चाहिए.


मीठा दूध पिएं


वहीं शाम को 3 से 4 बजे के बीच में जौ का सत्तू का सेवन करें. धनिया, मिश्री, काली मिर्च, तरबूज के बीज, गुलाब की पत्ती, खसखस का ठंडाई का मसाला बनाने के बाद पानी में भिगोकर खरहल में पीसकर आवश्यकता अनुसार दूध के साथ पीना चाहिए. शाम को 6 से 7 बजे के बीच हल्का सुपाच्य मधुर रसों और मन को प्रसन्न करने वाले भोजन का सेवन करें. रात 9 बजे मीठे दूध का सेवन करना और 10 बजे से पहले सोने के लिए जाना चाहिए.


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