वेद प्रताप वैदिक ने अटल बिहारी वाजपेयी को क्यों कहा था 'छड़े को छड़ी जरूरी है', पढ़िए पूरा किस्सा
Rajasthan News: अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी डॉ. वैदिक और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अच्छे सम्बन्धों के बारे में जानते थे, उन्होंने उनकी बात उनसे करवाई.
Atal Bihari Vajpayee Story: राजनीति में विधायक, मंत्री सहित अन्य नेता अक्सर अपने भाषणों में सियासी किस्से सुनाते हैं और कई उदाहरण देते हैं. कांग्रेस (Congress) इंदिरा गांधी (Indira Gandhi), राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) का तो बीजेपी (BJP)अटल बिहारी बाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee ) सहित अपने अन्य नेताओं का नाम लेती है, लेकिन सियासत में कई किस्से ऐसे होते हैं जो सार्वजनिक नहीं होते. ये किस्से दो नेताओं की आपसी बातचीत से निकलते हैं.
ऐसा ही एक किस्सा तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पत्रकार वेद प्रताप वैदिक (Ved Prakash Vaidik) का सामने आया है. वेद प्रताप वैदिक अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी माने जाते थे. यह किस्सा तब का है जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे और उनके घुटनों के ऑपरेशन हुआ था.
अटल बिहारी वाजपेयी और वेद प्रताप वैदिक का किस्सा
इस किस्से को भाजपा प्रदेश मीडिया प्रकोष्ठ के पूर्व सदस्य विजय प्रकाश विप्लवी ने सुनाया. विजय प्रकाश विप्लवी बताते हैं कि जो राजनेता अपनी बातचीत, भाषण और वक्तव्यों में हास-परिहास करते थे, उनमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम सबसे उपर आता है. लेकिन कई क्षण ऐस भी रहे जब अटल बिहारी वाजपेयी तनाव में थे ऐसे ही एक तनाव के क्षण में उनके निकटतम पत्रकार मित्र ने उनसे परिहास किया था और उनका मन हल्का किया था. बात तब की है जब वे प्रधानमंत्री थे, उनके घुटनों का ऑपरेशन हुआ था. ऑपरेशन अधिक सफल नहीं रहा था.
वेद प्रताप वेदिक ने अटल बिहारी वाजपेयी को किया था फोन
उस समय उनके निकटतम पत्रकार मित्र और विदेश मामलों के विशेषज्ञ डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने उनका कुशलक्षेम पूछने के लिए उनको फोन किया. अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी डॉ. वैदिक और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अच्छे सम्बन्धों के बारे में जानते थे, उन्होंने उनकी बात उनसे करवाई. डॉ. वैदिक ने पूछा, आपकी तबियत कैसी है? इस पर अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि डाक्टर ने ये क्या किया ? मुझे छड़ी(लकड़ी) पकड़ा दी.
इसे बाद डॉ. वैदिक ने पलटकर कहा कि अच्छा किया. आप छड़े (कुंवारे) हो, इसलिए आपको छड़ी जरूरी है. फिर दोनों ने जोर से ठहाका लगाया. विजय विप्लवी बताते हैं कि इस संस्मरण का जिक्र डॉ. वैदिक ने फरवरी 2023 में अपनी मृत्यु के कुछ दिनों पहले अपनी उदयपुर के फतहनगर यात्रा में प्रमुखजनों से बातचीत में किया था.
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