Udaipur News: हमने अब तक ओटीपी, कार्ड क्लाेनिंग, डेबिट कार्ड पासवर्ड सहित अन्य ऑनलाइन ठगी के बारे में सुना है लेकिन मोबाइल में हैकिंग कर घुसपैठ करने से जुड़े दाे मामले उदयपुर में सामने आए हैं. इसमें हैकरों ने स्कूलों द्वारा ऑनलाइन क्लासेज के लिए बच्चाें के माता-पिता के मोबाइल पर दिए लिंक के जरिए घुसपैठ की है. हैकर ने एक मोबाइल नहीं, बल्कि जिस मोबाइल काे पहले हैक किया उसके संपर्क में वाइफाई के जरिए जाे भी मोबाइल संपर्क में आए उन्हें भी हैक कर लिया है. अब इनके मोबाइल नंबर से बच्चाें के क्लासमेट, परिजनाें, स्कूल के शिक्षकों काे अश्लील मैसेज और वीडियाे भेजे जा रहे हैं. इसी कारण परिवार परेशान हाेकर पहले पुलिस और फिर साइबर एक्सपर्ट के पास पहुंचे हैं.


क्या आई थी शिकायत?
श्याम चंदेल ने बताया कि उदयपुर के देवाली नीमच खेड़ा निवासी व्यक्ति ने शिकायत की थी. उन्होंने बताया था कि कुछ समय से हम परिवार सदस्याें के चार मोबाइल नंबर का व्हाट्सएप अपने आप बंद हाेता है और फिर चालू हाे जाता है. जब फिर से व्हाट्सएप इंस्टॉल किए तो मैसेज से अनजान व्यक्ति काे उन्होंने कहा कि अश्लील मैसेज जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अश्लील मैसेज जा रहे हैं. मेरे बच्चे निजी स्कूल में पढ़ाई करते हैं, जब वह ऑनलाइन क्लास के लिए लिंक भेजते हैं ताे वह अपने आप डिलीट हाे रहे हैं. स्कूल प्रबंधन और पुलिस के पास पहुंचा ताे वह सहायता नहीं कर पाए. फिर एसपी मनाेज कुमार काे शिकायत की. ऐसे दाे परिवार की शिकायतों में 11 मोबाइल हैक हाे चुके हैं.


कैसे हाेता है मोबाइल हैक?
साइबर एक्सपर्ट श्याम चंदेल ने कहा कि एक हफ्ते में इस प्रकार के दाे केस आ चुके हैं. दाेनाें ही केस एक जैसे ही है. इसका अनुसंधान किया ताे सामने आया कि यह दाे तरह से हाे सकता है. या ताे परिवार के सदस्याें के पास मैसेज के जरिए काेई लिंक आया जिस क्लिक किया या फिर जाे स्कूल प्रबंधन लिंक तैयार कर रहे हैं उसमें हैकर ने अटैक कर मालवेयर डाल दिया हाे. सवाल है कि लिंक पर क्लिक करने पर कैसे हाेगा. हैकर लिंक काे ऐसे तैयार करते हैं कि जैसे ही लिंक पर क्लिक करते हैं मोबाइल के अंदर हैकर के नंबर से काॅल फारवर्डिंग एक्टिव हाे जाती है. फिर हैकर का ही साथी इंश्याेरेंसकर्मी या अन्य फर्जी व्यक्ति बनकर काॅल करता है और व्यक्ति के मोबाइल काे व्यस्त रखता है. ऐसे में हैकर व्यक्ति के नंबर से अपने मोबाइल में व्हाट्सएप इंस्टॉल करता है. व्हाट्सएप नंबर का वेरिफिकेशन दाे जरिए से पूछता है, या ताे काॅल या फिर मैसेज. हैकर काॅल का ऑप्शन चुनता है जिससे जैसे ही व्यक्ति के मोबाइल का काॅल जाता है ताे वह व्यस्त रहता है जिससे काॅल हैकर के पास चला जाता है और वेरिफाइ हाे जाता है. ऐसे में व्हाट्सएप चला लेता है. साथ ही काॅल फारवर्डिंग एक्टिव रहती है लेकिन व्यक्ति काे पता नहीं चलता है.


इससे कैसे बचें?
अपने मोबाइल में हमेशा टू स्टेप वेरिफिकेशन ऑप्शन ऑन रखे, किसी भी अंजान लिंक पर बिना समझे क्लिक न करें, स्कूल प्रबंधन वेरिफिकेशन ऑप्शन काे बंद करने की भी बाेले ताे न करें, हैकिंग की हुई काॅल फाॅरवर्डिंग मोबाइल से बंद नहीं हाेती है, उसके लिए उसी नंबर की सिम लेते हैं तब राहत मिलती है.


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