Udaipur: उदयपुर जिले में 12 नवंबर 2022 को ओडा ब्रिज रेलवे ट्रैक ब्लास्ट हुआ था. इसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) सहित देश और राजस्थान की कई एजेंसियां मौके पर पहुंची थीं और मामले की जांच की थी. यह मामला इसलिए भी बड़ा था क्योंकि इसी ट्रैक यानी उदयपुर-अहमदाबाद आमान परिवर्तन का 13 दिन पहले 31 अक्टूबर 2022 को उद्घाटन किया था. अब इस मामले की उदयपुर ATS के एएसपी अनंत कुमार ने अपनी जांच पूरी कर कोर्ट में चालान पेश कर दिया है.
इस मामले को ATS ने आतंकी घटना माना है और तीन मुख्य आरोपियों के खिलाफ Unlawful Activities (Prevention) Act यानी UAPA की धारा 16 और 18 भी लगाई है जो आतंकी घटना को परिभाषित करती है. इन तीनों ने ही विस्फोटक लगाकर ट्रैक पर ब्लास्ट किया था. उनके खिलाफ जानिए चालान में क्या चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.
ना उसकी जमीन ली गई ना नौकरी की बात सामने आई
एएसपी अनंत कुमार ने बताया कि इस छानबीन में खास बात यह सामने आई कि आरोपियों ने प्राथमिक पूछताछ में बताया कि सरकार ने जमीन ली थी लेकिन मुआवजा नहीं दिया और नौकरी भी नहीं दी. जबकि अनुसंधान में सामने आया कि ना तो आरोपी की इसमें जमीन ली गई और ना ही नौकरी देने की बात सामने आई. हिंदुस्तान जिंक से दस्तावेज लिए जिसमें मुख्य आरोपी धूलचंद या उसके पिता किसी की जमीन नहीं ली गई. अगर जमीन नहीं ली गई तो नौकरी का सवाल ही नहीं उठता. जबकि इसी के परिवार में अन्य की जमीन ली गई थी तो उन्हें मुआवजा मिल गया था.
86 पेज में 1773 फाइल्स, 47 गवाह और 260 दस्तावेज
एटीएस के एएसपी और मामले के जांच अधिकारी अनंतकुमार ने चार्जशीट में 47 गवाह का जिक्र किया है, उनके बयान दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा चार्जशीट के 260 पन्नों में सबूतों से जुड़े दस्तावेज हैं. 86 पन्नों में पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी है. साथ ही 1773 पत्रावलियां शामिल की गई है. पूरे मामले में 11 आरोपी के खिलाफ कोर्ट में और एक नाबालिग के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष चार्जशीट पेश किया.
हाई सिक्योरिटी जेल में बंद हैं आरोपी
न्यायालय में पेश चार्जशीट में मुख्य आरोपी धूलचंद मीणा, इसके भतीजे प्रकाश मीणा और नाबालिग भतीजे हैं. साथ ही बिहारी लाल सुहालका, इसका बेटा अंकुश सुहालका, भरतराज सेन और उसका बेटा अक्षय सेन, लोकेश सोनी और उसका बेटा अमित सोनी के अलावा सुरेश उपाध्याय, अशोक मीणा व देवेन्द्र डांगी आरोपी हैं, जिन्हें जेल भेजा गया है. इसमें धूलचंद और प्रकाश मीणा हाई सिक्योरिटी जेल अजमेर में बंद हैं. जहां से पेशी के लिए इन्हें उदयपुर लाया गया.
पीएम मोदी ने किया था उदघाटन
उदयपुर-अहमदाबार रेलवे लाइन पर बने ओड़ा रेलवे ब्रिज पर 12 नवंबर 2022 को बारूद से ब्लास्ट करने की घटना हुई थी. इससे पटरी और पास लगी लोहे की शीट मुड गई और रेलवे लाइन क्रेक हो गई थी. घटना के बाद मामले की जांच में जुटी टीम को मौके से बारूद भी मिला था. आरोपियों की साजिश ट्रैक को उड़ाने और रेलवे ट्रैक को बर्बाद करने की थी. धमाके से कुछ घंटे पहले ही यहां से ट्रेन गुजरी थी. 31 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस लाइन का लोकार्पण किया था.
सक्षम प्राधिकरण ने जांच की फिर मिली अभियोजन स्वीकृति
अधिकारी ने बताया कि यूएपीए धारा लगाने के लिए होम विभाग से अभियोजन स्वीकृति लेनी होती है. इसके लिए सक्षम प्राधिकरण नियुक्त (स्वतंत्र एजेंसी) होता है जो पत्रावली की जांच करता है. सक्षम प्राधिकरण को लगता है कि धारा लगनी चाहिए तब धारा लगाने स्वीकृति मिलती है. इसी मामले में भी ऐसा ही हुआ. इसके बाद चार्जशीट पेश किया गया.
ये भी पढ़ें: Rajasthan: अपनी ही सरकार के खनन मंत्री का विधायक ने बैनर लगाकर किया विरोध, क्या है पूरा मामला?