Udaipur News: पार्वो वायरस कुत्तों में फैल रहा है. राजस्थान के उदयपुर में इन दिनों पशु चिकित्सालय में कई लोग अपने कुत्तों को हॉस्पिटल लेकर आ रहे हैं. दो पालतू कुत्तों की तो मौत भी हो गई है, लेकिन लावारिस कुत्तों में मौतों का तो कुछ पता भी नहीं चल पा रहा है. पशु चिकित्सक कर्मेंद्र सिंह ने बताया कि कुत्तों में पाई जाने वाली यह बीमारी सर्दी के मौसम में ज्यादा होती है, लेकिन इस बार गर्मी के मौसम में कुत्ते बीमार हो रहे हैं.


हालांकि बीमारी का उपचार है लेकिन छोटे कुत्ते (पिल्ले) के लिए यह जानलेवा है क्योंकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. उन्हें सुबह और शाम को बोतल चढ़ाना जरूरी होता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता इनमें कम होने के कारण मौत हो जाती है. हॉस्पिटल में इन दिनों इस बीमारी से जुड़े कई लोग पालतू कुत्तों को लेकर आ रहे हैं.


जिनका उपचार किया जा रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी लावारिस कुत्तों में आती है क्योंकि बीमार लावारिस कुत्ते को बीमारी की हालत में एक बार तो कोई भी व्यक्ति हॉस्पिटल लाएगा लेकिन उपचार सुबह शाम देना पड़ता है. ऐसे में कुत्ते को इलाज के लिए लोग सुबह-शाम 8 दिन तक नहीं ला पाते.


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यह है लक्षण


डॉ. कर्मेंद्र ने बताया कि पार्वो वायरस से संक्रमित होने वाले कुत्तों को पहले बुखार आता है. आमाशय और आंत में संक्रमण फैलने से खाना पीना बंद कर देते हैं. कुत्तों को लगातार उल्टी और दस्त होते हैं. उल्टी में खून भी निकलने लगता है. अस्पताल में भी दूसरी बीमारी वाले कुत्तों को अलग जगह पर ट्रीटमेंट की व्यवस्था की गई है.


ऐसे फैलता है वायरस


पार्वो वायरस लगभग कोरोना की तरह फैलता है. पार्वो वायरस से संक्रमित कुत्ते ने कही मल त्याग किया है और वहां पर स्वस्थ कुत्ता जाए और उसे स्मेल कर ले तो वायरस उसमें फैल जाता है. यहीं नहीं जैसे स्वस्थ कुत्ते को हॉस्पिटल लेकर आए और उसी जगह से संक्रमित कुत्ता सूंघते हुए निकल जाए और उसी जगह स्वस्थ कुत्ता चला जाए तो भी संक्रमण फैल जाता है.


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